फतेहपुरः सरकार की नीतियों एवं मौसम की मार के कारण देश में किसानों की बदहाली की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. इस विषम परिस्थिति में भी फतेहपुर जिले में मलवा विकास खण्ड के कोरसम गांव के किसान रमाकांत द्विवेदी के चेहरे पर खुशहाली झलक रही है. रमाकांत जैविक खेती अपनाकर लाखों रुपये का लाभ कमा रहे हैं.
रमाकांत रसायन रहित गोभी की फसल तैयार करते हैं. जिसकी बाजार में खूब मांग है. मंडी में थोक भाव से इनके एक गोभी की कीमत 25 रुपये है. रमाकांत बताते हैं कि बाजार में गोभी ले जाते ही कुछ समय में ही बिक जाती हैं. इस बार ढाई बीघे खेत में 30 हजार रुपये की लागत से गोभी की फसल लगाई थी. तीन महीने में फसल तैयार हो गई और कुल 2 लाख रुपये का लाभ हुआ. इसी खेत में गोभी के बाद गेंहू की भी फसल समय से तैयार हो जाएगी.
जैविक तरीके से खेती
किसान रमाकांत के पास 15 बीघे की खेती है. यह अपनी पूरी खेती जैविक तरीके से और ट्रैक्टर के बजाय बैलों से करते हैं. जैविक खाद को बाजार से खरीदने के बजाय घर पर ही तैयार करते हैं. इसके लिए बैलों के साथ-साथ इन्होंने भैंस भी रखा है और दूध का भी उत्पादन करते हैं.
अलग-अलग फसल करते हैं तैयार
किसान रमाकांत बताते हैं कि हम 3 भाई इसी खेती में लगे रहते हैं. गेंहू, धान के साथ-साथ केला, मिर्च, गोभी और बैगन की फसल तैयार करते हैं. उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद का इस्तेमाल करने पर पैसा अधिक लगता है और फसल का उत्पादन भी कम होता है.