फतेहपुरः जिले की बिंदकी तहसील अंतर्गत कई गांवों में मच्छर जनित बीमारियां कहर बनकर टूट रही हैं. एक गांव से शुरू हुई बुखार की यह बीमारी सात गांवो में अपने पैर पसार चुकी है. इन गांवों में अब तक 847 लोग बुखार की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि 587 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 260 लोग अभी भी बुखार से पीड़ित हैं. बता दें डेढ़ महीने में 21 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
मंगलपुर टकौली गांव से शुरू बीमारी सात गांवो तक पहुंच चुकी है. यहां के निजी व सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे बीमारों की बात करें तो मच्छर जनित बीमारी से बहरौली गांव में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 104 लोग अभी भी बीमार हैं. मंगलपुर टकौली, बुढ़वा, छीछा, चांदपुर में क्रमशः सात, दो, दो, दो लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 30, 29, 12, 32 लोग क्रमशः बीमार हैं.
इसके अलावा बाबूपुर व चिल्ली की बात करें तो यहां क्रमशः 44 व 09 लोग बीमार हैं. हालांकि अभी तक यहां किसी की मौत नहीं हुई है. गांवों में स्वास्थ्य टीमें अपना डेरा जमाए हुए हैं. लोगों का इलाज किया जा रहा है. ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है. प्रशासन द्वारा गांव में साफ-सफाई व एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है. बता दें डॉ. पुष्कर कटियार व डॉ. श्याम टीम के साथ नसेनियां गांव पहुंचकर ओपीडी कैम्प लगाया. जिसमें 46 लोगों को उन्होंने जांच की, जिसमें 5 रोगियों के लक्षण के आधार पर मलेरिया जांच हेतु स्लाइड तैयार की गई.
बताते चलें कि बीते दिवस खजुआ ब्लॉक के छीछा गांव निवासी 50 वर्षीय संतोष सिंह सेंगर की इलाज के दौरान मौत हो गई. उधर बुढ़वा गांव के चंद्रकांत की पांच वर्षीय पुत्री चांदनी भी बुखार के चलते काल के गाल में समा गई. जिसके बाद मारने वालों की कुल संख्या 21 पहुंच गई. लगातार बढ़ रही बीमारी से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. इन गांवों में प्रधान द्वारा भी नाली की साफ-सफाई कराकर ब्लीचिंग आदि का छिड़काव कराया गया.