फतेहपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार राज्यमंत्री जयकुमार सिंह ने पिछले सप्ताह सीतापुर जिले में एक कार्यक्रम में कहा था कि नेता बनने के लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं है. नेतृत्व करने के लिए पढ़ाई की कोई जरूरत नहीं. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों और जनता के बीच चर्चा जोरों पर है. उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है.
जैकी ने अपने बयान पर सफाई दी
मंत्री जय कुमार ने फतेहपुर में एक निजी कार्यक्रम में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे कहने का आशय कुछ और था. मेरे भाषण का कुछ अंश काटकर प्रसारित किया गया. उन्होंने कहा कि मैं स्कूली बच्चों को आईएएस-आईपीएस बनने की परीक्षाओं की प्रक्रिया के बारे में बता रहा था.
मैं बच्चों से कह रहा था कि इन बड़े पदों पर पहुंचने के लिए आपको खूब पढ़ना पड़ेगा. आगे उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि नेता बनने के लिए कोई पढ़ाई की आवश्यकता नहीं है. नेता का चुनाव जनता के बीच होता है. हर पांच साल में जनता की परीक्षा को पास करना होता है.