फतेहपुर: जिले में गंगा तट में बसे शिवराजपुर गांव का उल्लेख पुराणों में धर्मनगरी के रूप में मिलता है. यहां अनन्य कृष्ण भक्तिनी, महान वैरागिनी मीरा बाई ने अपने 'गिरधर गोपाल' की स्थापना स्वयं अपने हाथों से की थी. यहां विराजमान गिरधर गोपाल की प्रतिमा मनोवांछित फल देने के साथ ही अपने भव्य एवं दिव्य आकर्षण से एक अलग छटा बिखेरने वाली है. यहां चंदन से बने पालने में भगवान श्री कृष्ण विराजमान हैं और भगवान के दिन में तीन बार यानी सुबह दोपहर शाम दर्शन की मान्यता है. यहां पूरे वर्ष देशभर से कृष्ण भक्त दर्शनों के लिए आते रहते हैं. ऐसी मान्यता है कि अष्टधातु से बनी इस अष्टभुजी मूर्ति के जैसे विश्वभर में कोई दूसरी मूर्ति नहीं है.
यहां मीरा बाई ने अपने हाथों से की थी 'गिरधर गोपाल' की स्थापना, पुराणों में मिलता है जिक्र
फतेहपुर जिले के शिवराजपुर गांव में भगवान श्री कृष्ण का ऐसा मंदिर है जहां विराजमान गिरधर गोपाल की प्रतिमा की स्थापना भगवान की परम भक्त मीरा बाई ने स्वयं अपने हाथों से की थी. शिवराजपुर गांव का उल्लेख ब्रह्मपुराण के उन्नीसवें अध्याय में मिलता है.
फतेहपुर: जिले में गंगा तट में बसे शिवराजपुर गांव का उल्लेख पुराणों में धर्मनगरी के रूप में मिलता है. यहां अनन्य कृष्ण भक्तिनी, महान वैरागिनी मीरा बाई ने अपने 'गिरधर गोपाल' की स्थापना स्वयं अपने हाथों से की थी. यहां विराजमान गिरधर गोपाल की प्रतिमा मनोवांछित फल देने के साथ ही अपने भव्य एवं दिव्य आकर्षण से एक अलग छटा बिखेरने वाली है. यहां चंदन से बने पालने में भगवान श्री कृष्ण विराजमान हैं और भगवान के दिन में तीन बार यानी सुबह दोपहर शाम दर्शन की मान्यता है. यहां पूरे वर्ष देशभर से कृष्ण भक्त दर्शनों के लिए आते रहते हैं. ऐसी मान्यता है कि अष्टधातु से बनी इस अष्टभुजी मूर्ति के जैसे विश्वभर में कोई दूसरी मूर्ति नहीं है.