फतेहपुरः जिले के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर निजी प्रैक्टिस तो कर ही रहे हैं, इसके साथ ही उनके द्वारा गर्भवती महिलाओं का गर्भपात तक करवाया जा रहा है. इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसे सरकारी अस्पतालों में तैनात दो चिकित्सकों द्वारा महिला का गर्भपात कराए जाने के बाद अस्पताल का संचालक गर्भपात का रेट बता रहा है. हालांकि ईटीवी भारत सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
सोशल मिडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आये जिले के स्वास्थ्य विभाग ने पीडब्ल्यूडी डाक बंगले के पास स्थित न्यू विकास हॉस्पिटल को सीज करवाने के साथ ही अस्पताल में मिले सर्जिकल उपकरणों और अन्य सामानों को अपने कब्जे में लेने के साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन के चलाये जा रहे इस अस्पताल को सीज करवा दिया है.
शहर के तांबेश्वर नगर इलाके में स्थित न्यू विकास हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन करवाये बिना ही इस अस्पताल का संचालन पिछले काफी समय से किया जा रहा था. इस अस्पताल का मालिक कोई और नहीं बल्कि जिले के गोपालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्वास्थ्य पर्यवेक्षक गुलाब सिंह और कोराई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात संविदा चिकित्सक विकास चौधरी के द्वारा किया जा रहा था. निजी अस्पताल चला रहे दोनों चिकित्सक सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाओं के बजाय निजी प्रैक्टिस करने में जुटे हुए थे.
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में अस्पताल संचालक गुलाब सिंह 10 से पंद्रह हजार रुपये में गर्भवती महिला का सफल गर्भपात करवाने का दावा कर रहा है. निजी अस्पताल में सरकारी चिकित्सक का वीडियो वायरल होने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में गठित की गई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने अस्पताल में छापा मारकर अस्पताल के उपकरणों को जप्त करने के साथ ही अस्पताल को सीज कर दिया है.
इसे भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया से मिला आइडिया, पति-पत्नी ने गुजराती बिजनेसमैन को लगाया करोड़ों का चूना
हॉस्पिटल में छापेमारी कर रही टीम के प्रभारी डॉक्टर यूबी ने बताया कि मौके पर अस्पताल संचालक नहीं मिले हैं. ऐसे में अस्पताल को सीज करने के साथ ही वहां बरामद सारे उपकरण जप्त कर लिए गए हैं, इसके साथ ही अस्पताल के संचालक को नोटिस देकर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है. उसके बाद अस्पताल के संचालक पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था कि अवैध रूप से चल रहे इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है.