फतेहपुरः जिले में नगर पालिका क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को निस्तारित करने के लिए बनाया गया कूड़ा निस्तारण प्लांट बदहाल हालत में खड़ा है. फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मलाका गांव में 9.37 करोड़ रुपये की लागत से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया गया था. इससे कूड़े को रिसाइकिल करके जहां जैविक खाद तैयार की जानी थी, वहीं कूड़े के ढेर से निकलने वाली प्लास्टिक एवं अन्य वस्तुओं को अलग करके उन्हें फिर से उपयोग करने लायक बनाया जाना था. यहां लगी मशीनों की हालत अब यह हो गई है कि उनके कलपुर्जे तक गायब हो चुके हैं. सालों से बंद पड़ी मशीनों में पूरी तरह से जंग लग चुका है. यह मशीनें अब चलने के लायक भी नहीं बची हैं.
पीपीपी मॉडल पर चलाने की थी योजना
पीपीपी मॉडल पर चलाए जाने की योजना के तहत बनाया गया यह कूड़ा प्लांट अपने निर्माण के बाद कुछ दिनों तक तो ठीक ठाक चला लेकिन कुछ दिनों के बाद ही इस कूड़ा निस्तारण प्लांट ने काम करना बंद कर दिया. सरकारी लाल फीता शाही के चलते बंद पड़े, इस कूड़ा प्लांट को फिर से चालू करने के लिए न तो नगर पालिका आगे आई और न ही इसको चलाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया. अब स्थिति यह है कि यहां खड़ी बेशकीमती मशीनों के कलपुर्जे तक चोरी हो गए हैं. यहां खड़ी पोकलैंड जेसीबी और ट्रैक्टर तक के कलपुर्जे चोरी किए जा चुके हैं. नगर पालिका की तरफ से यहां रखवाली के लिए चौकीदारों की ड्यूटी तो लगाई जाती है लेकिन लगभग 100 बीघे के एरिया में फैले इस कूड़ा निस्तारण प्लांट में चोरी की गतिविधियों पर लगाम नहीं लग पाती है.
चलने की हालत में नहीं मशीनें
करोड़ों रुपये में यहां स्थापित की गई स्वचालित मशीनों की स्थिति अब ऐसी है की जंग लग जाने के कारण वह चलने की हालत में नहीं रह गई हैं. इस बारे में फतेहपुर नगर पालिका की चेयरमैन हाजीरज़ा का कहना है कि इस कूड़ा निस्तारण प्लांट को फिर से चालू करने के लिए नगर पालिका ने पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है. इसे चालू करने के लिए 3 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया है. टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद बंद पड़े इस कूड़ा निस्तारण प्लांट को फिर से चालू करवाया जाएगा. नगर पालिका का काम देख रहे लोग तो इसे फिर से चालू किए जाने की बात कर रहे हैं लेकिन बदहाली की कगार पर खड़ा यह कूड़ा प्लांट फिर से चालू हो पाता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.