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फतेहपुर: ठेकेदारों से परेशान मछुआरों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन - मछुआरों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मछुआरा समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट में जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में कानून व्यवस्था और निजीकरण को लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की.

मछुआरों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन.
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Published : Oct 18, 2019, 1:41 PM IST

फतेहपुर: जनपद में मछुआरा समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. मछुआरों ने मछली के क्रय की ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था और निजीकरण को लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की.

मछुआरों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन.
  • मछुआरा समुदाय ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया.
  • प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार किसानों और गरीबों की विरोधी है.
  • बैंकों और रेलवे का निजीकरण हो रहा है और गरीबों के हक को छीना जा रहा है.

10 किलो में काटा जाता है 3 किलो बट्टा
मछुआरों ने बताया कि यमुना नदी में मछली पकड़ने के लिए पानी के नीलामी ठेकेदारों को दी जाती है. ठेकेदार हम लोगों से मछली पकड़वाते हैं और हमसे 4 रुपये किलो से लेकर 20 रुपये तक जबरिया मछली ले लेते हैं. वहीं 10 किलो में 3 किलो बट्टा काटकर 7 किलो का ही दाम मिलता है. ऐसे में हम लोगों का शोषण हो रहा है. हम लोगों को नदी के किनारे नाव तक खड़ी करने का अधिकार नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार सीधे मछुआरों से मछली खरीदे, जिससे हम लोगों का शोषण न हो.

मछुआरों की मांग
मछुआरों ने मांग किया है कि मछली पकड़ना जोखिम भरा काम होता है. ऐसे में नाव और मछुआरे का बीमा होना चाहिए. मछुआरे समुदाय के विकास के लिए सरकार को विशेष कार्यक्रम संचालित करना चाहिए, जिससे हम लोगों का विकास हो. नदी के किनारे जल, जंगल और जमीन पर समुदाय का मालिकाना हक दिया जाए. वहीं सरकार के द्वारा आवास और पेंशन सभी को दिया जाए.

फतेहपुर: जनपद में मछुआरा समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. मछुआरों ने मछली के क्रय की ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था और निजीकरण को लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की.

मछुआरों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन.
  • मछुआरा समुदाय ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया.
  • प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार किसानों और गरीबों की विरोधी है.
  • बैंकों और रेलवे का निजीकरण हो रहा है और गरीबों के हक को छीना जा रहा है.

10 किलो में काटा जाता है 3 किलो बट्टा
मछुआरों ने बताया कि यमुना नदी में मछली पकड़ने के लिए पानी के नीलामी ठेकेदारों को दी जाती है. ठेकेदार हम लोगों से मछली पकड़वाते हैं और हमसे 4 रुपये किलो से लेकर 20 रुपये तक जबरिया मछली ले लेते हैं. वहीं 10 किलो में 3 किलो बट्टा काटकर 7 किलो का ही दाम मिलता है. ऐसे में हम लोगों का शोषण हो रहा है. हम लोगों को नदी के किनारे नाव तक खड़ी करने का अधिकार नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार सीधे मछुआरों से मछली खरीदे, जिससे हम लोगों का शोषण न हो.

मछुआरों की मांग
मछुआरों ने मांग किया है कि मछली पकड़ना जोखिम भरा काम होता है. ऐसे में नाव और मछुआरे का बीमा होना चाहिए. मछुआरे समुदाय के विकास के लिए सरकार को विशेष कार्यक्रम संचालित करना चाहिए, जिससे हम लोगों का विकास हो. नदी के किनारे जल, जंगल और जमीन पर समुदाय का मालिकाना हक दिया जाए. वहीं सरकार के द्वारा आवास और पेंशन सभी को दिया जाए.

Intro:फतेहपुर- जिले के मछुआरा समुदाय अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। ये मछली के क्रय का ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए। वहीं इन्होंने प्रदेश में क़ानून व्यवस्था और निजीकरण को लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी किए। इन्होंने कहा कि सरकार किसानों और गरीबों की विरोधी है। बैंकों का निजीकरण हो रहा है, रेलवे का निजीकरण हो रहा है ऐसे में गरीबों के हक को छीना जा रहा है।


Body:मछुआरा समुदाय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किए।
मछुआरों ने बताया कि यमुना नदी में मछली पकड़ने के लिए पानी के नीलामी ठेकेदारों को कर दी जाती है। ठेकेदार हम लोगों से मछली पकड़वाते हैं और हमे 4 रुपये किलो से लेकर 20 रुपए तक जबरिया मछली ले लेते हैं वहीं 10 किलो में 3 किलो बट्टा काटकर 7 किलो का ही दाम मिलता है ऐसे में हम लोगो का शोषण हो रहा है। हम लोगो को नदी के किनारे नाव तक खड़ी करने का अधिकार नही है। हम चाहते हैं सरकार सीधे मछुआरों से मछली खरीदे जिससे हम लोगों का शोषण रुक जाएगा।व

मछुआरों ने मांग किया कि मछली पकड़ना जोखिम भरा काम होता है ऐसे में नाव और मछुआरे का बीमा होना चाहिए।
मछुआरे समुदाय के विकास के लिए सरकार को विशेष कार्यक्रम संचालित करना चाहिए। जिससे हम लोगों का विकास हो। नदी के किनारे जल जंगल और जमीन पर समुदाय का मालिकाना हक दिया जाए।
वहीं सरकार के द्वारा आवास और पेंशन सभी को दिया जाय।


Conclusion:बाईट रामकेश

अभिषेक सिंह फतेहपुर 7860904510
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