फतेहपुर: जिले में यूरिया खाद की किल्लत से किसान बुरी तरह जूझ रहे हैं. धान की फसल में व्यास का यह मुख्य समय है. ऐसे में खाद न मिल पाने से फसल का व्यास रुक जाएगा, तो इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा. जिसको लेकर कृषक अत्यधिक चिंतित हैं. हालांकि खाद संकट की स्थिति पर प्रशासन लगातार सक्रिय है. वह अपने स्तर पर जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर लगातार छापेमारी कर रहा है.
जिले में खाद संकट की स्थिति जानने के लिए प्रशासन द्वारा कई टीमें बनाकर छापेमारी की जा रही है. उस दौरान उनके द्वारा 18 वितरण केंद्र ऐसे मिले जहां खाद डंप मिली. यह खाद पहले से डंप की गई है. इसके लिए कृषि विभाग ने खाद का सैंपल लेकर जांच हेतु भेजा है. इसके साथ ही निजी दुकानों में खाद वितरण हो सके इसके लिए जिलाधिकारी ने थोक विक्रेताओं पर भी शिकंजा कसा. जिसके बाद थोक विक्रेताओं ने अपने गोदामों से 110 मीट्रिक टन खाद निजी दुकानों को आवंटित की. साथ ही साथ उन्होंने दुकानों के स्टॉक रजिस्टर लगातार जांचने के निर्देश दिए.
बताते चलें कि जनपद में खाद बिक्री के लिए सरकारी व निजी सहित कुल 590 वितरण केंद्र हैं. इनमें से 70 सहकारी समितियों के रूप में संचालित हैं. सहकारी समितियों में पिछले कुछ समय से खाद समाप्त हो चुकी है. जबकि 520 निजी केंद्रों के माध्यम से इसकी बिक्री हो रही है. सहकारी समितियों में खाद समाप्त होने के बाद निजी दुकानदार कालाबाजारी में जुट गए. माल डंप करके खाद की किल्लत दिखाना शुरू कर दिया. जिसके बाद 266 रुपए में मिलने वाली यूरिया खाद की बोरी को 300 रुपए में बेचने लगे.
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने किसानों की परेशानी को भांपते हुए निजी दुकानों का सत्यापन करवाकर माल की जांच कराने लगे, तो यह बड़ा खेल खुलकर सामने आ गया. डीएम ने कहा कि किसानों को खाद का संकट न झेलना पड़े इसके लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. दुकानों में माल डंप है जिसकी बिक्री कराई जा रही है. किसी प्रकार की ओवर रेटिंग न हो इस पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.