ETV Bharat / state

फतेहपुर: पंचायत में विकास के दावे खोखले, नहीं बदली गांवों की तस्वीर

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. ईटीवी भारत की टीम लगातार गांव-गांव जाकर पिछले पांच साल में जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की पड़ताल कर रहा है. सुनिए विकास कार्यों को लेकर क्या कह रहे हैं फतेहपुर के मतदाता...

पंचायत में विकास के दावे खोखले
पंचायत में विकास के दावे खोखले
author img

By

Published : Feb 10, 2021, 2:07 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 10:59 AM IST

फतेहपुर: पंचायत चुनाव का विगुल बजने के साथ ही गांव में चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत आजमाने की इच्छा रखने वाले लोगों ने फिर से मतदाताओं को रिझाने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक आरक्षण की स्थति स्पष्ट न होने के चलते असमंजस की स्थति बनी हुई है. फतेहपुर जिला पंचायत की बात की जाए तो यहां कुल 46 सदस्य चुनाव जीत कर जिला पंचायत सदस्य बनते हैं.

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुनिए मतदाताओं की राय

जिले में पंचायत कार्यकारिणी पर एक नजर

जिले की 46 सदस्यों वाली जिला पंचायत कार्यकारणी में इस बार भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. फतेहपुर जिले में मतदाताओं की जो सूची जारी हुई है, उसमें 18,50,515 लाख मतदाता इस बार के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य चुनेंगे. नए परिसीमन में जिले की 6 ग्राम सभाओं को अलग-अलग नगर पंचायतों में शामिल किया गया है, जिसमे देउमई विकास खण्ड की तीन ग्राम सभाओं को कोड़ा जहानाबाद नगर पंचायत में जबकि असोथर विकास खण्ड की तीन ग्राम पंचायतों को मिलाकर नई नगर पंचायत असोथर का गठन किया गया है. छह ग्राम सभाओं के नगर पंचायतों में शामिल किए जाने के बाद ग्राम सभाओं की संख्या तो घटी है, लेकिन छह ग्राम पंचायतों को नगर पंचायतों में शामिल कर देने के बाद भी जिले में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में कोई अंतर नहीं आया है. इसलिए इस बार भी यहां फिर से 46 जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगें.

पानी की तरह बहे पैसे नहीं हुआ विकास

विकास की बात की जाए तो बुंदेलखंड की सीमा से सटे हुए फतेहपुर जनपद में जिला पंचायत द्वारा बीते पांच सालों में विकास कार्यों के नाम पर एक अरब से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई, लेकिन गांव के सूरते हाल में आज भी कोई परिवर्तन नहीं आया है. जिला पंचायत द्वारा विकास कार्यों की जो सूची शासन को भेजी जाती है, उसमें जिले की सभी छह विधानसभाओं में लगभग सवा अरब का विकास कार्य कराया गया है, जिसमें ज्यादातर काम सड़क बनाने और नालियों का निर्माण करना दर्शाया गया है. लेकिन उसके बावजूद जिले की तमाम गांवों की स्थिती ऐसी है कि सड़कों पर जल भराव और बजबजाती नालियां गांव में कराए गए विकास कार्यों की हकीकत बयान कर रही हैं. ग्रामीण मतदाताओं का आरोप है कि नेताओं ने चुनाव के समय जो वादे किए थे, उनमें कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं हुआ है. यहां तक कि गांव की जनता के वोट से जिला पंचायत सदस्य बनने वाले माननीयों ने चुनाव जीतने के बाद गांव की तरफ दोबारा पलट कर देखने की हिम्मत तक नहीं दिखाई.

राजनैतिक पार्टियों की दखल के बाद दिलचस्प हुआ चुनाव

इस बार के पंचायत चुनाव में जिस तरीके से बड़ी राजनैतिक पार्टियां रुचि ले रहीं हैं, उससे जिला पंचायत का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है. वहीं चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले संभावित प्रत्याशिओं ने राजनैतिक दलों का समर्थन पाने के लिए बड़े नेताओं के दरबार में हाजिरी लगानी शुरू कर दी है. सरकार द्वारा आरक्षण को लेकर अभी तक शासनादेश जारी न किये जाने से जिला पंचायत का कौन सा वार्ड किसके खाते में जाएगा इस पर अभी असमंजस की स्थिती बनी हुई है. लेकिन उसके बावजूद संभावित उम्मीदवारों ने गांव में मतदाताओं के बीच जाकर लुभावने वादे करना शुरू कर दिया है. इस बार के चुनाव के बाद भी गांव में विकास की किरण पहुंचेगी या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन चुनाव के बाद जीतने वाले 46 जिला पंचायत सदस्य एक बार फिर से माननीय जरूर बन जायेंगे.

फतेहपुर: पंचायत चुनाव का विगुल बजने के साथ ही गांव में चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत आजमाने की इच्छा रखने वाले लोगों ने फिर से मतदाताओं को रिझाने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक आरक्षण की स्थति स्पष्ट न होने के चलते असमंजस की स्थति बनी हुई है. फतेहपुर जिला पंचायत की बात की जाए तो यहां कुल 46 सदस्य चुनाव जीत कर जिला पंचायत सदस्य बनते हैं.

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुनिए मतदाताओं की राय

जिले में पंचायत कार्यकारिणी पर एक नजर

जिले की 46 सदस्यों वाली जिला पंचायत कार्यकारणी में इस बार भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. फतेहपुर जिले में मतदाताओं की जो सूची जारी हुई है, उसमें 18,50,515 लाख मतदाता इस बार के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य चुनेंगे. नए परिसीमन में जिले की 6 ग्राम सभाओं को अलग-अलग नगर पंचायतों में शामिल किया गया है, जिसमे देउमई विकास खण्ड की तीन ग्राम सभाओं को कोड़ा जहानाबाद नगर पंचायत में जबकि असोथर विकास खण्ड की तीन ग्राम पंचायतों को मिलाकर नई नगर पंचायत असोथर का गठन किया गया है. छह ग्राम सभाओं के नगर पंचायतों में शामिल किए जाने के बाद ग्राम सभाओं की संख्या तो घटी है, लेकिन छह ग्राम पंचायतों को नगर पंचायतों में शामिल कर देने के बाद भी जिले में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में कोई अंतर नहीं आया है. इसलिए इस बार भी यहां फिर से 46 जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगें.

पानी की तरह बहे पैसे नहीं हुआ विकास

विकास की बात की जाए तो बुंदेलखंड की सीमा से सटे हुए फतेहपुर जनपद में जिला पंचायत द्वारा बीते पांच सालों में विकास कार्यों के नाम पर एक अरब से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई, लेकिन गांव के सूरते हाल में आज भी कोई परिवर्तन नहीं आया है. जिला पंचायत द्वारा विकास कार्यों की जो सूची शासन को भेजी जाती है, उसमें जिले की सभी छह विधानसभाओं में लगभग सवा अरब का विकास कार्य कराया गया है, जिसमें ज्यादातर काम सड़क बनाने और नालियों का निर्माण करना दर्शाया गया है. लेकिन उसके बावजूद जिले की तमाम गांवों की स्थिती ऐसी है कि सड़कों पर जल भराव और बजबजाती नालियां गांव में कराए गए विकास कार्यों की हकीकत बयान कर रही हैं. ग्रामीण मतदाताओं का आरोप है कि नेताओं ने चुनाव के समय जो वादे किए थे, उनमें कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं हुआ है. यहां तक कि गांव की जनता के वोट से जिला पंचायत सदस्य बनने वाले माननीयों ने चुनाव जीतने के बाद गांव की तरफ दोबारा पलट कर देखने की हिम्मत तक नहीं दिखाई.

राजनैतिक पार्टियों की दखल के बाद दिलचस्प हुआ चुनाव

इस बार के पंचायत चुनाव में जिस तरीके से बड़ी राजनैतिक पार्टियां रुचि ले रहीं हैं, उससे जिला पंचायत का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है. वहीं चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले संभावित प्रत्याशिओं ने राजनैतिक दलों का समर्थन पाने के लिए बड़े नेताओं के दरबार में हाजिरी लगानी शुरू कर दी है. सरकार द्वारा आरक्षण को लेकर अभी तक शासनादेश जारी न किये जाने से जिला पंचायत का कौन सा वार्ड किसके खाते में जाएगा इस पर अभी असमंजस की स्थिती बनी हुई है. लेकिन उसके बावजूद संभावित उम्मीदवारों ने गांव में मतदाताओं के बीच जाकर लुभावने वादे करना शुरू कर दिया है. इस बार के चुनाव के बाद भी गांव में विकास की किरण पहुंचेगी या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन चुनाव के बाद जीतने वाले 46 जिला पंचायत सदस्य एक बार फिर से माननीय जरूर बन जायेंगे.

Last Updated : Feb 11, 2021, 10:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.