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फतेहपुर: वन विभाग को पता ही नहीं, लकड़ी माफिया काट ले जा रहे पेड़ - फतेहपुर में पेड़ों की कटाई

हर साल शासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है. एक तरफ पौधे लगाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिले में हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर चल रही है.

अंधाधुंध हो रही हरे पेड़ों की कटाई.
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Published : Jun 22, 2019, 5:57 PM IST

फतेहपुर: पर्यावरण की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार की गंभीरता दिखती है. पर्यावरण के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण पर सरकार जोर दे रही है, जिसके चलते हरे पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं कुछ पेड़ों को वन विभाग से अनुमति लेकर काट सकते हैं, लेकिन नीम, महुआ और आम जैसे फलदायक पेड़ों की कटाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है. बावजूद इसके जिले में लकड़ी माफिया प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं.

अंधाधुंध हो रही है हरे पेड़ों की कटान.
  • बहुआ और हुसैनगंज के साथ ही पूरे जिले में लकड़ी के ठेकेदार सक्रिय हैं.
  • लकड़ी माफिया दिन-रात फलदार पेड़ों की खुलेआम कटाई कर रहे हैं.
  • लकड़ी माफियाओं को वन विभाग के अधिकारियों का कोई डर नहीं है.
  • जिले में 29 लाख 71 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया प्रतिबंधित हरे फलदार पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं.

हमारे पास कर्मचारियों की कमी है, इसी वजह से पेड़ों की कटान की जानकारी नहीं हो पाती है. मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-सीपीएस मलिक, प्रभागीय निदेशक, वन विभाग

फतेहपुर: पर्यावरण की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार की गंभीरता दिखती है. पर्यावरण के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण पर सरकार जोर दे रही है, जिसके चलते हरे पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं कुछ पेड़ों को वन विभाग से अनुमति लेकर काट सकते हैं, लेकिन नीम, महुआ और आम जैसे फलदायक पेड़ों की कटाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है. बावजूद इसके जिले में लकड़ी माफिया प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं.

अंधाधुंध हो रही है हरे पेड़ों की कटान.
  • बहुआ और हुसैनगंज के साथ ही पूरे जिले में लकड़ी के ठेकेदार सक्रिय हैं.
  • लकड़ी माफिया दिन-रात फलदार पेड़ों की खुलेआम कटाई कर रहे हैं.
  • लकड़ी माफियाओं को वन विभाग के अधिकारियों का कोई डर नहीं है.
  • जिले में 29 लाख 71 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया प्रतिबंधित हरे फलदार पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं.

हमारे पास कर्मचारियों की कमी है, इसी वजह से पेड़ों की कटान की जानकारी नहीं हो पाती है. मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-सीपीएस मलिक, प्रभागीय निदेशक, वन विभाग

Intro:फतेहपुर- पर्यावरण बचाने को लेकर सरकारें हर साल करोड़ो का बजट पर्यावरण जागरूकता से लेकर वृक्षारोपण कराने के में खर्च कर रही है, शासन और प्रशासन द्वारा जहाँ एक ओर पर्यावरण बचाने और धरा को हरा भरा बनाने के लिए इस बार बारिश में पूरे जिले में 29 लाख 71 हजार पौधें लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है तो वही दूसरी ओर लकड़ी माफिया प्रतिबंधित हरे फलदार पेड़ो की कटान कर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचा रहे है। Body:फतेहपुर के बहुआ और हुसेेेनगंज के साथ ही पूरे जिले में लकड़ी माफ़िया प्रतिन्धित हरे फलदार पेड़ों की कटान कर अपने काम को बखूबी अंजाम देंकर पूरे सिस्टम को ही खुली चुनौती रहे । वही इस पूरे मामले में जब हमने जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो वो भी स्टाफ़ की कमी होने की वजह से पेड़ो के कटान की जानकारी न हो पाने का हवाला देते हुए जांच करा कर सख्त कार्यवाही की बात करते दिखे । बड़ा सवाल इस बात का है कि पर्यावण को नुकसान पहुँचा रहे लकड़ी माफियाओ पर किसी भी अधिकारी की नजर नही पड़ रही या फिर जान कर अनजान बने हुये है। ऐसे में पर्यावरण को सन्तुलित करने के प्रयास कितने सफल होंगे यह तो समय ही बतायेगा ।

Conclusion:बाइट- सी.पी.एस.मलिक, प्रभागीय निदेशक फतेहपुर
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