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फतेहपुर: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार में लोगों को दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी

फतेहपुर में बेटियों को बचाने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को सरकार द्वारा बेटियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई.

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं सेमिनार
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Published : Feb 27, 2020, 5:07 PM IST

फतेहपुर: जिले के विकास भवन सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बेटियों को बचाने और सुरक्षित एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा की गई.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार का आयोजन.

कार्यक्रम में मौजूद जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए कई कार्यक्रम संचालित हैं. जैसे कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सख्त कानून है. बालिकाओं की मदद के लिए 1080 चाइल्ड हेल्प लाईन नम्बर, शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि बेटी अपने समाज का हिस्सा है और वह बेटे से कम नहीं है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के द्वारा बेटी के जन्म लेते ही देखभाल और पढ़ाई के लिए सरकार पैसे दे रही है. बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं. इसके लिए महिला कल्याण विकास विभाग द्वारा गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

जिले में जो शिशु जन्मदर लिंगानुपात है वह औसत रूप से सही है. लोग अब जागरूक हो रहे हैं. लोगों के मानसिक स्तर में बदलाव लाकर ही बेटियों को बचाया जा सकता है. इसके लिए सरकार और जनता दोनों के सहयोग की जरूरत है.

- संजीव सिंह, जिलाधिकारी

इसे भी पढ़ें-रामपुर: सपा सांसद आजम खां को 8 मामलों में मिली जमानत

फतेहपुर: जिले के विकास भवन सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बेटियों को बचाने और सुरक्षित एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा की गई.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेमिनार का आयोजन.

कार्यक्रम में मौजूद जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए कई कार्यक्रम संचालित हैं. जैसे कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सख्त कानून है. बालिकाओं की मदद के लिए 1080 चाइल्ड हेल्प लाईन नम्बर, शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि बेटी अपने समाज का हिस्सा है और वह बेटे से कम नहीं है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के द्वारा बेटी के जन्म लेते ही देखभाल और पढ़ाई के लिए सरकार पैसे दे रही है. बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं. इसके लिए महिला कल्याण विकास विभाग द्वारा गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

जिले में जो शिशु जन्मदर लिंगानुपात है वह औसत रूप से सही है. लोग अब जागरूक हो रहे हैं. लोगों के मानसिक स्तर में बदलाव लाकर ही बेटियों को बचाया जा सकता है. इसके लिए सरकार और जनता दोनों के सहयोग की जरूरत है.

- संजीव सिंह, जिलाधिकारी

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