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फतेहपुर में टिड्डियों के हमले का अलर्ट जारी, किसानों की चिंता बढ़ी

यूपी के फतेहपुर में किसानों की चिंता टिड्डी दल ने भी बढ़ा दी है. अभी हाल ही में जनपद में टिड्डियों ने अटैक कर दिया है. 14 जुलाई को जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने एक बार फिर टिड्डियों के अटैक का अलर्ट जारी कर दिया है.

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फतेहपुर में टिड्डियों के अटैक का अलर्ट जारी
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Published : Jul 14, 2020, 10:34 PM IST

फतेहपुर: इस वर्ष लगातार मौसम की मार झेलने के साथ कोरोना महामारी के चलते बाजारीकरण की दोहरी मार झेल रहे किसानों की चिंता रेखा टिड्डी दल ने भी बढ़ा दी है. अभी हाल ही में जनपद में टिड्डियों के अटैक के बाद किसानों ने कुछ राहत की सांस ली थी. 14 जुलाई, मंगलवार को बैठक के उपरांत जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने एक बार फिर टिड्डियों के अटैक का अलर्ट जारी कर दिया है. इसके बाद एक बार फिर अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की सिलवटें साफ देखी जा सकती हैं.

बताते चलें कि इस समय धान की रोपाई के साथ साथ अरहर, तिल, बाजरा, जोंढी, कुम्हड़ा, सहित कई अन्य फसलों की बुआई शुरू है. जिनमें बुआई के महज 15-20 दिनों में छोटे पौधों के रूप में कोपलें निकलने लगती हैं. यदि ऐसे में टिड्डी दल का अटैक होता है तो अन्नदाताओं की फसल पूरी तरह नष्ट होने की संभावना बनी रहेगी, क्योंकि टिड्डी फसल की पत्तियों को चट कर जाती हैं. इससे किसानों को पूरे एक तिहाई की फसल के नुकसान का डर सता रहा है. साथ ही फसल बोने में लगी लागत भी बेकार जाएगी. ऐसे में अन्नदाताओं की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि राजस्थान के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करने वाला टिड्डियों का बड़ा दल अलीगढ़, एटा, राजस्थान होते हुए जनपद की सीमाओं से सटे जिलों कानपुर नगर, कानपुर देहात में भ्रमण के उपरांत रात्रि विश्राम कर रहा है. ऐसे में उनके जनपद की सीमा में प्रवेश करने की प्रबल संभावना है. यह जनपद में न प्रवेश कर सकें इसके लिए कृषि विभाग की टीम निगरानी में लगी हुई है. पड़ोसी जनपदों से लगातार संपर्क किया जा रहा है.

इसके साथ ही सभी किसान भाइयों से अपील की गयी है कि टिड्डी दल यदि किसी क्षेत्र में दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत कृषि विभाग में दें. फसल सुरक्षा हेतु ढोल, नगाड़ा, थाली आदि बजाकर शोरगुल करें. प्राथमिक तौर पर किसान यांत्रिक उपाय कर यानी पटाखे, डीजे, नगाड़ा, तेज शोरगुल करके टिड्डियों को भगाने का प्रयास करें.

दूसरा तरीका रासायनिक इस्तेमाल का है. यानी क्लोरो पायरीफास-20 प्रति ईसी एवं 50 प्रति ईसी, मैलाथियान-50 प्रति ईसी , फिप्रोनिल-5 प्रति ईसी , डेल्टामेथ्रिन एसी- 2.8 प्रति ई.सी के हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें. उन्होंने किसानों के लिए कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किया. किसान भाई कंट्रोल रूम नंबर 9451016236 अथवा कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाइल नंबर -8840426834 पर सम्पर्क करके सहायता ले सकते हैं.

फतेहपुर: इस वर्ष लगातार मौसम की मार झेलने के साथ कोरोना महामारी के चलते बाजारीकरण की दोहरी मार झेल रहे किसानों की चिंता रेखा टिड्डी दल ने भी बढ़ा दी है. अभी हाल ही में जनपद में टिड्डियों के अटैक के बाद किसानों ने कुछ राहत की सांस ली थी. 14 जुलाई, मंगलवार को बैठक के उपरांत जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने एक बार फिर टिड्डियों के अटैक का अलर्ट जारी कर दिया है. इसके बाद एक बार फिर अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की सिलवटें साफ देखी जा सकती हैं.

बताते चलें कि इस समय धान की रोपाई के साथ साथ अरहर, तिल, बाजरा, जोंढी, कुम्हड़ा, सहित कई अन्य फसलों की बुआई शुरू है. जिनमें बुआई के महज 15-20 दिनों में छोटे पौधों के रूप में कोपलें निकलने लगती हैं. यदि ऐसे में टिड्डी दल का अटैक होता है तो अन्नदाताओं की फसल पूरी तरह नष्ट होने की संभावना बनी रहेगी, क्योंकि टिड्डी फसल की पत्तियों को चट कर जाती हैं. इससे किसानों को पूरे एक तिहाई की फसल के नुकसान का डर सता रहा है. साथ ही फसल बोने में लगी लागत भी बेकार जाएगी. ऐसे में अन्नदाताओं की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि राजस्थान के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करने वाला टिड्डियों का बड़ा दल अलीगढ़, एटा, राजस्थान होते हुए जनपद की सीमाओं से सटे जिलों कानपुर नगर, कानपुर देहात में भ्रमण के उपरांत रात्रि विश्राम कर रहा है. ऐसे में उनके जनपद की सीमा में प्रवेश करने की प्रबल संभावना है. यह जनपद में न प्रवेश कर सकें इसके लिए कृषि विभाग की टीम निगरानी में लगी हुई है. पड़ोसी जनपदों से लगातार संपर्क किया जा रहा है.

इसके साथ ही सभी किसान भाइयों से अपील की गयी है कि टिड्डी दल यदि किसी क्षेत्र में दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत कृषि विभाग में दें. फसल सुरक्षा हेतु ढोल, नगाड़ा, थाली आदि बजाकर शोरगुल करें. प्राथमिक तौर पर किसान यांत्रिक उपाय कर यानी पटाखे, डीजे, नगाड़ा, तेज शोरगुल करके टिड्डियों को भगाने का प्रयास करें.

दूसरा तरीका रासायनिक इस्तेमाल का है. यानी क्लोरो पायरीफास-20 प्रति ईसी एवं 50 प्रति ईसी, मैलाथियान-50 प्रति ईसी , फिप्रोनिल-5 प्रति ईसी , डेल्टामेथ्रिन एसी- 2.8 प्रति ई.सी के हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें. उन्होंने किसानों के लिए कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किया. किसान भाई कंट्रोल रूम नंबर 9451016236 अथवा कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाइल नंबर -8840426834 पर सम्पर्क करके सहायता ले सकते हैं.

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