फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश में सरकार बदले लगभग 5 साल का समय हो रहा है, लेकिन हालत जस के तस है. फर्रुखाबाद जिले में माफियाओं के आज भी हौसले बुलंद है. जहां डग्गामार वाहन माफिया खुले आम परिवाहन विभाग को चूना लगा रहे है. जिले में उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश तक फैले अपने वाहनो को रोडवेज बस स्टैंड के सामने से खुले आम बिना किसी दखल के सवारियों को भरते नजर आएंगे.
हद तो तब हो गई. जब इन डग्गामार माफियाओं ने सरकारी रोडबेज बस का कलर कॉपी कर प्राइवेट बस के सहारे सवारियों को गुमराह कर रहे हैं. इस डग्गा मारी से रोडवेज को आए दिन करोडों का चुना लग रहा है और किसी तरह की दुर्घटना होने पर ये माफिया अंडरग्राउंड हो जाते हैं.
फर्रुखाबाद में रोडवेज की तरह रंग-रोगन करके प्राइवेट को सरकारी बनाकर चलाई जा रही है. रोडवेज बस के रंग-रूप में प्राइवेट बसें फर्रुखाबाद बीएस अड्डे से सवारियों को बिठाया जा रहा है. आम लोग बस के कलर को देखकर उसमें बैठ जाते है, लेकिन टिकट की जानकारी करने पर पता चलता है कि वो रोडवेज की बस नहीं है. जिससे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को आर्थिक हानि भी पहुंच रही है. शासन-प्रशासन ने डग्गामार माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात तो कही थी, लेकिन सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं का संरक्षण मिलने से डग्गामार माफिया के हौसले बुलंद हैं और वह शासन-प्रशासन को ठेंगा दिखाकर बसों का खुलेआम संचालन कर रहे हैं.
शहर से विभिन्न प्रांतों के लिए लगभग 60 अवैध स्लीपर बसें प्रतिदिन संचालित हो रही हैं. बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं. स्लीपर बसों में मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत एसी लगे होने चाहिए. इसके अलावा स्लीपर के शीशे पूर्णतय: जाम होने चाहिए. शीशों के आगे सुरक्षा के लिए जाली या एंगिल भी लगाए जाने चाहिए, लेकिन किसी भी स्लीपर बस में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं हैं. आरटीओ विजेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जिस पर जांच बिठाकर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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