फर्रुखाबाद: अनामिका शुक्ला प्रकरण के सामने आने के बाद शासन के आदेश पर जिले में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है, जो साल 2010 के बाद भर्ती हुए शिक्षकों के अभिलेखों की जांच करेगी. जांच समिति ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से वर्ष 2010 के बाद भर्ती शिक्षकों की सूची व उनके शैक्षिक अभिलेख मांगे हैं. अब गलत तरीके से नियुक्ति पाए शिक्षकों में हलचल मची है.
अनामिका शुक्ला प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद 17 जून को शासन ने जिलाधिकारी को आदेश दिए थे कि जिले में वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच करवाई जाए. डीएम के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच समिति टीम गठित की गई है, ताकि संदिग्ध शिक्षकों को बेनकाब किया जा सके.
गठित टीम में शामिल सदस्य
जांच समिति में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अध्यक्ष बनाए गए हैं. अपर पुलिस अधीक्षक को सचिव नियुक्त किया गया है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य बनाया गया है. डीएम ने 21 जुलाई तक जांच आख्या देने के निर्देश दिए हैं.
गठित टीम अभिलेखों की करेगी जांच
जांच कमेटी के अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव ने सभी बीईओ को निर्देशित किया है कि वे लोग अपने-अपने ब्लॉक्स के शिक्षकों की सूची निर्धारित प्रारूप पर बनाकर भिजवाएं. इन अभिलेखों के आधार पर गठित जांच समिति ज्वाइनिंग लेटर के दौरान जमा कराए गए अभिलेखों से मिलान करेगी. इसके साथ ही उनके आधार, पहचान पत्र, बैंक अकाउंट समेत अन्य अभिलेखों की जांच होगी. हालांकि, आदेश मिलते ही कई शिक्षकों ने कार्यालय में अपने शैक्षिक अभिलेखों को जमा करवाना शुरू कर दिया है.
शासन के आदेश पर शिक्षकों की जांच शुरू कर दी गई है. 21 जुलाई तक जांच आख्या डीएम को सौंपी जाएगी.
लालजी यादव, बीएसए