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फर्रुखाबाद: कैदी भाइयों की कलाई नहीं रहेगी सूनी, जेल प्रशासन ने किए यह इंतजाम - jail superintendent shm rizvi

यूपी के फर्रुखाबाद में जेल में बंद भाइयों को बहनें राखी नहीं बांध सकेंगी, लेकिन भाइयों की कलाई कोरोना संक्रमण की वजह से सूनी भी नहीं रहेगी. जेल प्रशासन ने बंदी तक उनकी बहनों की राखी भिजवाने का प्रबंध किया है.

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जेल कारागार.
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Published : Aug 1, 2020, 6:10 PM IST

फर्रुखाबाद: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का असर रक्षाबंधन पर भी पड़ने वाला है. जेल में बंद भाइयों को बहने राखी नहीं बांध सकेंगी, लेकिन भाइयों की कलाई कोरोना संक्रमण की वजह से सूनी भी नहीं रहेगी. जेल प्रशासन ने बंदी तक उनकी बहनों की राखी भिजवाने का प्रबंध किया है. रक्षाबंधन के दिन राखी बहनों के भाइयों को उपलब्ध करा दी जाएंगी.

हर साल रक्षाबंधन के दिन सुबह 6 बजे से जिला और सेंट्रल जेल के बाहर बहनों की भीड़ लग जाती थी. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जेल के बंदियों की उनके परिवार वालों से मुलाकात बीते 23 मार्च 2020 से स्थगित है. इस वजह से बहनें इस बार जेल में बंद अपने भाइयों के हाथ में राखी नहीं बांधी सकेंगी, लेकिन भाइयों की कलाई सूनी भी नहीं रहेगी.

जेल प्रशासन ने बहनों की राखी उनके भाइयों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. इसके तहत बहनों को 1 अगस्त की शाम 4 बजे तक अपनी राखियों को एक लिफाफे में रखकर जिला जेल में पहुंचाना होगा. इन राखियों को सैनिटाइज करने के बाद सोमवार सुबह रक्षाबंधन वाले दिन बंदी भाइयों को उनकी बहन के द्वारा भेजी गई राखी उपलब्ध करा दी जाएगी, जिसको वह अपनी कलाई पर बांध लेंगे.

कैदियों को राखी नहीं बांध सकेंगी उनकी बहनें.

जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते बहनों की मुलाकात उनके भाइयों से नहीं हो सकेगी, लेकिन उनके प्यार का प्रतीक राखी उनके भाइयों तक पहुंचाई जाएगी. इसके लिए जिला जेल प्रशासन ने तैयारी कर ली है. बहनें अपनी राखी, अक्षत, रोली आदि को एक लिफाफे में रखकर 1 अगस्त की शाम तक भेज दें. इसके बाद लिफाफों को सैनिटाइज कर सुरक्षित रखा जाएगा. रक्षाबंधन के दिन सुबह के समय बंदियों को उनकी बहन के द्वारा भेजी राखी का लिफाफा दिया जाएगा. कैदियों के लिए विशेष पकवान भी तैयार कराने की व्यवस्था की गई है.

फर्रुखाबाद: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का असर रक्षाबंधन पर भी पड़ने वाला है. जेल में बंद भाइयों को बहने राखी नहीं बांध सकेंगी, लेकिन भाइयों की कलाई कोरोना संक्रमण की वजह से सूनी भी नहीं रहेगी. जेल प्रशासन ने बंदी तक उनकी बहनों की राखी भिजवाने का प्रबंध किया है. रक्षाबंधन के दिन राखी बहनों के भाइयों को उपलब्ध करा दी जाएंगी.

हर साल रक्षाबंधन के दिन सुबह 6 बजे से जिला और सेंट्रल जेल के बाहर बहनों की भीड़ लग जाती थी. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जेल के बंदियों की उनके परिवार वालों से मुलाकात बीते 23 मार्च 2020 से स्थगित है. इस वजह से बहनें इस बार जेल में बंद अपने भाइयों के हाथ में राखी नहीं बांधी सकेंगी, लेकिन भाइयों की कलाई सूनी भी नहीं रहेगी.

जेल प्रशासन ने बहनों की राखी उनके भाइयों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. इसके तहत बहनों को 1 अगस्त की शाम 4 बजे तक अपनी राखियों को एक लिफाफे में रखकर जिला जेल में पहुंचाना होगा. इन राखियों को सैनिटाइज करने के बाद सोमवार सुबह रक्षाबंधन वाले दिन बंदी भाइयों को उनकी बहन के द्वारा भेजी गई राखी उपलब्ध करा दी जाएगी, जिसको वह अपनी कलाई पर बांध लेंगे.

कैदियों को राखी नहीं बांध सकेंगी उनकी बहनें.

जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते बहनों की मुलाकात उनके भाइयों से नहीं हो सकेगी, लेकिन उनके प्यार का प्रतीक राखी उनके भाइयों तक पहुंचाई जाएगी. इसके लिए जिला जेल प्रशासन ने तैयारी कर ली है. बहनें अपनी राखी, अक्षत, रोली आदि को एक लिफाफे में रखकर 1 अगस्त की शाम तक भेज दें. इसके बाद लिफाफों को सैनिटाइज कर सुरक्षित रखा जाएगा. रक्षाबंधन के दिन सुबह के समय बंदियों को उनकी बहन के द्वारा भेजी राखी का लिफाफा दिया जाएगा. कैदियों के लिए विशेष पकवान भी तैयार कराने की व्यवस्था की गई है.

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