फर्रुखाबाद : जिले में मंगलवार को किशोरी से गैंगरेप और हत्या के तीन दोषियों को सजा सुनाई गई. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया. एक आरोपी को फांसी की सजा, जबकि दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. घटना चार साल पहले हुई थी. दोषियों ने गैंगरेप के बाद किशोरी को मार डाला था. इसके बाद शव को मिट्टी में दबा दिया था.
साल 2019 में हुई थी घटना : एडीजीसी अनुज कटियार ने बताया कि अमृतपुर थाना क्षेत्र निवासी 11 साल की किशोरी साल 2019 में खेत से अपने पिता को बुलाने गई थी. बेटे का एक्सीडेंट होने पर उसकी मां ने पिता को बुलाने के लिए भेजा था. इस दौरान राधेश्याम, मिंटू उर्फ शैलेंद्र व जितेंद्र ने उसे बीच रास्ते में रोक लिया. किशोरी के साथ गैंगरेप किया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी. आरोपियों ने शव को मिट्टी के नीचे दबा दिया था. किशोरी के घर न लौटने पर परिवार के लोग उसकी तलाश कर रहे थे. परिवार के लोग खेत में पहुंचे तो वहां किशोरी का शव दबा मिला.
विवेचना के दौरान सामने आई सच्चाई : पिता ने 19 जनवरी 2019 को मुकदमा दर्ज कराया. मुकदमे की विवेचना के दौरान पूरी सच्चाई सामने आ गई. तत्कालीन थाना प्रभारी ने जांच के दौरान उन्नाव जिले के थाना शफीपुर निवासी राधेश्याम के अलावा मिंटू उर्फ शैलेंद्र व जितेंद्र के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या व साक्ष्य मिटाने के आरोप में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मंगलवार को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया. एडीजीसी विकास कटियार, प्रदीप सिंह, अभिषेक सक्सेना, अनुज कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोषी राधेश्याम को फांसी की सजा सुनाई. इसके अलावा मिंटू उर्फ शैलेंद्र व जितेंद्र को आजीवन कारावास व जुर्माना से दंडित किया.
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गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में तीनों दोषियों को फांसी की सजा