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फर्रुखाबाद: अफसरों की लापरवाही में दबी कंप्यूटर की जांच - computer aided education scheme

फर्रुखाबाद के उच्च प्राथमिक विद्यालय से 157 कंप्यूटर गायब हैं. मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने के बाद जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन विभाग अब तक इनकी खोज नहीं कर पाया है.

बीएसए कार्यालय.
बीएसए कार्यालय.
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Published : Nov 6, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 5:50 PM IST

फर्रुखाबाद: उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को कंप्यूटर ज्ञान के लिए खरीदे गए 157 कंप्यूटर गायब हैं, लेकिन विभाग इनकी खोज नहीं कर पा रहा है. मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने पर जांच के आदेश दिए गए थे. अब एक माह होने जा रहा है और अभी जांच आगे नहीं बढ़ सकी है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी 137 कंप्यूटर की सूचना ही बीएसए कार्यालय को प्राप्त हुई है. वहीं अधिकारी गोलमोल जवाब देकर बचने में लगे हैं.

उच्च प्राथमिक विद्यालय से 157 कंप्यूटर गायब
कंप्यूटर सहायतित शिक्षा योजना के तहत वर्ष 2004 से 2015 तक जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को कंप्यूटर सिखाए जाने के लिए 157 कंप्यूटरों की खरीद की गई थी. इन विद्यालयों में अनुदेशक भी रखे गए थे. शुरू में बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी गई, लेकिन उसके बाद ढिलाई बरती जाने लगी. आलम यह हुआ कि धीरे-धीरे इन स्कूलों में लगे कंप्यूटर गायब हो गए. वर्ष 2019 में यह मामला उछला तो उच्च अधिकारियों ने कंप्यूटर की सूचना मांगी. तत्कालीन बीएसए ने जो सूचना राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ भिजवाई वह गलत भिजवा दी. एक भाजपा नेता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, तो करीब एक महीने पहले मुख्यमंत्री ने इसे संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए. डीएम ने बीएसए को जांच करने के निर्देश दिए. इस पर बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर गायब 157 कंप्यूटरों की सूचना मांगी थी. सूत्रों की माने तो जो सूचना उपलब्ध कराई गई है, उसमें 137 कंप्यूटर ही दिखाए गए हैं. 20 कंप्यूटर कहां गए, इस पर अधिकारी गोलमोल जवाब देकर बच रहे हैं. वहीं जब इस बारे में बीएसए लालजी यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि गायब कंप्यूटर की जांच रिपोर्ट डीडीओ को दे दी गई है. जांच में जो दोषी होगा, उसके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

फर्रुखाबाद: उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को कंप्यूटर ज्ञान के लिए खरीदे गए 157 कंप्यूटर गायब हैं, लेकिन विभाग इनकी खोज नहीं कर पा रहा है. मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने पर जांच के आदेश दिए गए थे. अब एक माह होने जा रहा है और अभी जांच आगे नहीं बढ़ सकी है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी 137 कंप्यूटर की सूचना ही बीएसए कार्यालय को प्राप्त हुई है. वहीं अधिकारी गोलमोल जवाब देकर बचने में लगे हैं.

उच्च प्राथमिक विद्यालय से 157 कंप्यूटर गायब
कंप्यूटर सहायतित शिक्षा योजना के तहत वर्ष 2004 से 2015 तक जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को कंप्यूटर सिखाए जाने के लिए 157 कंप्यूटरों की खरीद की गई थी. इन विद्यालयों में अनुदेशक भी रखे गए थे. शुरू में बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी गई, लेकिन उसके बाद ढिलाई बरती जाने लगी. आलम यह हुआ कि धीरे-धीरे इन स्कूलों में लगे कंप्यूटर गायब हो गए. वर्ष 2019 में यह मामला उछला तो उच्च अधिकारियों ने कंप्यूटर की सूचना मांगी. तत्कालीन बीएसए ने जो सूचना राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ भिजवाई वह गलत भिजवा दी. एक भाजपा नेता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, तो करीब एक महीने पहले मुख्यमंत्री ने इसे संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए. डीएम ने बीएसए को जांच करने के निर्देश दिए. इस पर बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर गायब 157 कंप्यूटरों की सूचना मांगी थी. सूत्रों की माने तो जो सूचना उपलब्ध कराई गई है, उसमें 137 कंप्यूटर ही दिखाए गए हैं. 20 कंप्यूटर कहां गए, इस पर अधिकारी गोलमोल जवाब देकर बच रहे हैं. वहीं जब इस बारे में बीएसए लालजी यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि गायब कंप्यूटर की जांच रिपोर्ट डीडीओ को दे दी गई है. जांच में जो दोषी होगा, उसके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
Last Updated : Nov 6, 2020, 5:50 PM IST
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