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फर्रुखाबाद: 'हर-हर गंगे' उद्घोष के साथ श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी

फर्रुखाबाद में माघ मेले के पहले स्नान पर लाखों श्रद्धालु ने गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालु भोर 4 बजे से स्नान और पूजा पाठ करके तिल, गुड, गेहूं आदि का दान कर रहे हैं.

श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी
श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी
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Published : Jan 10, 2020, 12:01 PM IST

फर्रुखाबादः शुक्रवार को स्नान के साथ ही त्याग और तपस्या का प्रतीक कल्पवास भी प्रारंभ हो गया है. माघ मेले में गंगा तट पर लोगों की अस्था ठंड पर भारी पड़ रही है. जिला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

पौष पूर्णिमा स्नान पर श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी.

'हर-हर गंगे' उद्घोष से गुंजा घाट
माघ मेला का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के तौर पर मनाया जा रहा है. 'गंगा मैया की जय' और 'हर-हर गंगे' उद्घोष के साथ गुरुवार देर रात से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम घाटों पर पहुंचने लगा. मेला क्षेत्र और स्नान घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के साथ भगवान सूर्य को जल चढ़ा रहे हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु दान- पुण्य कर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं.

लोगों की आस्था के आगे ठंड बेबस
लोगों की आस्था के आगे ठंड पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी में स्नान को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है. इस महान पर्व पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. पूरे मेला क्षेत्र पर 4 वॉच टावर और 64 सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. जल पुलिस भी वोट के जरिए गंगा तट में तैनात हैं.

एक मास का कल्पवास शुरू
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा के स्नान के दिन से ही गंगा तट की रेती पर एक मास तक चलने वाला कल्पवास भी शुरू हो जाता है. अब एक महीने तक यहां पर सनातन परंपरा के अनुसार श्रद्धालु प्रवास करेंगे और व्रत रखकर कल्पवासी प्रतिदिन तीन समय गंगा स्नान के साथ एक समय भोजन कर अपने संकल्प को मजबूत करेंगे.

फर्रुखाबादः शुक्रवार को स्नान के साथ ही त्याग और तपस्या का प्रतीक कल्पवास भी प्रारंभ हो गया है. माघ मेले में गंगा तट पर लोगों की अस्था ठंड पर भारी पड़ रही है. जिला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

पौष पूर्णिमा स्नान पर श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी.

'हर-हर गंगे' उद्घोष से गुंजा घाट
माघ मेला का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के तौर पर मनाया जा रहा है. 'गंगा मैया की जय' और 'हर-हर गंगे' उद्घोष के साथ गुरुवार देर रात से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम घाटों पर पहुंचने लगा. मेला क्षेत्र और स्नान घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के साथ भगवान सूर्य को जल चढ़ा रहे हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु दान- पुण्य कर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं.

लोगों की आस्था के आगे ठंड बेबस
लोगों की आस्था के आगे ठंड पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी में स्नान को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है. इस महान पर्व पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. पूरे मेला क्षेत्र पर 4 वॉच टावर और 64 सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. जल पुलिस भी वोट के जरिए गंगा तट में तैनात हैं.

एक मास का कल्पवास शुरू
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा के स्नान के दिन से ही गंगा तट की रेती पर एक मास तक चलने वाला कल्पवास भी शुरू हो जाता है. अब एक महीने तक यहां पर सनातन परंपरा के अनुसार श्रद्धालु प्रवास करेंगे और व्रत रखकर कल्पवासी प्रतिदिन तीन समय गंगा स्नान के साथ एक समय भोजन कर अपने संकल्प को मजबूत करेंगे.

Intro:एंकर- धर्मनगरी फर्रुखाबाद में माघ मेले के पहले स्नान पर लाखों श्रद्धालु गंगा तट में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. श्रद्धालुओं ने तड़के 4 बजे से स्नान और पूजा पाठ करके तिल, गुड, गेहूं आदि का दान किया. शुक्रवार को स्नान के साथ ही त्याग व तपस्या का प्रतीक कल्पवास भी प्रारंभ हो गया है. फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.




Body:विओ- शुक्रवार को माघ मेला का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के तौर पर मनाया जा रहा है. 'गंगा मैया की जय' व 'हर-हर गंगे' उद्घोष के साथ गुरुवार देर रात से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था.शुक्रवार तड़के से ही मेला क्षेत्र और स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के साथ भगवान सूर्य को जल चढ़ा रहे हैं साथ ही दान और मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं. लाखों की संख्या में आसपास के जनपदों से श्रद्धालुओं का फर्रुखाबाद पहुंचना जारी है.

लोगों की आस्था के आगे ठंड बेबस- खास बात यह है कि लोगों की आस्था के आगे ठंड पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी में स्नान को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है. इस महान पर्व पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.पूरे मेला क्षेत्र पर चार वॉच टावर व 64 सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. जल पुलिस भी वोट के जरिए गंगा तट में तैनात है.





Conclusion:एक मास का कल्पवास शुरू- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा के स्नान के दिन से ही गंगा तट की रेती पर एक मास तक चलने वाला कल्पवास भी शुरू हो जाता है, अब एक महीने तक यहां पर सनातन परंपरा के अनुसार श्रद्धालु प्रवास करेंगे और व्रत रखकर कल्पवासी प्रतिदिन तीन समय गंगा स्नान के साथ एक समय भोजन कर अपने संकल्प को मजबूत करेंगे.

बाइट- सावित्री देवी, श्रद्धालु
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