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फर्रुखाबादः पूर्व विदेशमंत्री की पत्नी लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

डॉ. जाकिर हुसैन ट्रस्ट में हुए लाखों रुपये के फर्जीवाड़े में आरोपी पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत अर्जी स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने खारिज कर दी है. लुईस के खिलाफ प्रयागराज के नैनी थाने में भी मुकदमा दर्ज है. इसमें उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग की थी.

स्पेशल कोर्ट ने लुईस खुर्शीद और मो. अतहर की जमानत की खारिज
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Published : Jul 18, 2019, 8:22 PM IST

फर्रुखाबादः पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद और सह अभियुक्त मो. अतहर की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए ने खारिज कर दी है. डॉ. जाकिर हुसैन ट्रस्ट में हुए लाखों रुपये के फर्जीवाड़े में लुईस के खिलाफ प्रयागराज के नैनी थाने में भी मुकदमा दर्ज है. इसके साथ ही मो. अतहर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर कहा है कि याचीगण को अग्रिम जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं पाया गया है.

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स्पेशल कोर्ट ने लुईस खुर्शीद और मो. अतहर की जमानत की खारिज

क्या है पूरा मामला-

  • प्रयागराज जिले के थाना नैनी में वादी रामशंकर यादव ने 10 जून 2017 को एफआईआर दर्ज कराई थी.
  • स्वैच्छिक संस्था डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71 लाख पचास हजार रुपये अनुदान राशि प्रदान की गई थी.
  • इस राशि का उपयोग दिव्यांगजनों को कैंप लगाकर उपकरण वितरित करना था. इसका उपयोग तीन माह के अंदर करना था.
  • इस ट्रस्ट में लुईस खुर्शीद डायरेक्टर के पद पर थीं और सचिव के पद पर अतहर फारूकी थे.
  • ट्रस्ट ने निर्धारित प्रारूप में लाभार्थियों की सूची प्रस्तुत की, जिसमें सत्यापनकर्ता के बने हस्ताक्षर और मोहर फर्जी पाए गए.
  • इस अनुदान राशि को 71 लाख पचास हजार रुपये फर्जी कागजात के सहारे डकार लिए गए थे.

कई जिलों में मुकदमे दर्ज-

कोर्ट ने अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियोग की प्रकृति और गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी अस्वीकृत किया जाना न्यायहित में है. केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों को उपकरण वितरण के लिए डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को बड़ा बजट दिया गया था. इसके बाद ही ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप लगे. जांच में कुछ मामले सही भी पाए गए थे. इस पर ट्रस्ट की डायरेक्टर लुईस खुर्शीद के खिलाफ इटावा, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, कन्नौज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, भदोही, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, मेरठ, फतेहगढ़, मैनपुरी आदि जिलों में मुकदमे दर्ज हुए थे. ये मुकदमे वर्ष 2007 में दर्ज कराए गए थे.

फर्रुखाबादः पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद और सह अभियुक्त मो. अतहर की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए ने खारिज कर दी है. डॉ. जाकिर हुसैन ट्रस्ट में हुए लाखों रुपये के फर्जीवाड़े में लुईस के खिलाफ प्रयागराज के नैनी थाने में भी मुकदमा दर्ज है. इसके साथ ही मो. अतहर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर कहा है कि याचीगण को अग्रिम जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं पाया गया है.

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स्पेशल कोर्ट ने लुईस खुर्शीद और मो. अतहर की जमानत की खारिज

क्या है पूरा मामला-

  • प्रयागराज जिले के थाना नैनी में वादी रामशंकर यादव ने 10 जून 2017 को एफआईआर दर्ज कराई थी.
  • स्वैच्छिक संस्था डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71 लाख पचास हजार रुपये अनुदान राशि प्रदान की गई थी.
  • इस राशि का उपयोग दिव्यांगजनों को कैंप लगाकर उपकरण वितरित करना था. इसका उपयोग तीन माह के अंदर करना था.
  • इस ट्रस्ट में लुईस खुर्शीद डायरेक्टर के पद पर थीं और सचिव के पद पर अतहर फारूकी थे.
  • ट्रस्ट ने निर्धारित प्रारूप में लाभार्थियों की सूची प्रस्तुत की, जिसमें सत्यापनकर्ता के बने हस्ताक्षर और मोहर फर्जी पाए गए.
  • इस अनुदान राशि को 71 लाख पचास हजार रुपये फर्जी कागजात के सहारे डकार लिए गए थे.

कई जिलों में मुकदमे दर्ज-

कोर्ट ने अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियोग की प्रकृति और गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी अस्वीकृत किया जाना न्यायहित में है. केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों को उपकरण वितरण के लिए डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को बड़ा बजट दिया गया था. इसके बाद ही ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप लगे. जांच में कुछ मामले सही भी पाए गए थे. इस पर ट्रस्ट की डायरेक्टर लुईस खुर्शीद के खिलाफ इटावा, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, कन्नौज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, भदोही, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, मेरठ, फतेहगढ़, मैनपुरी आदि जिलों में मुकदमे दर्ज हुए थे. ये मुकदमे वर्ष 2007 में दर्ज कराए गए थे.

Intro:फर्रुखाबादः पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद व सहअभियुक्त फारूकी उर्फ मो. अतहर की अग्रिम जमानत अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए पवन कुमार तिवारी ने पर्याप्त आधार न पाए जाने पर खारिज कर दी.
Body:प्रयागराज जिले के थाना नैनी से जुड़ा मामला है। रामशंकर यादव द्वारा 10 जून 2017 को एफआइआर दर्ज कराई गई कि स्वैच्छिक संस्था डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71 लाख पचास हजार रुपये अनुदान राशि प्रदान की गई थी और इस राशि का उपयोग दिव्यांगजनों को कैंप लगाकर उपकरण वितरित करना था. इसका उपयोग तीन माह के अंदर करना था. इस ट्रस्ट में लुईस खुर्शीद डायरेक्टर के पद पर थीं और सचिव अतहर फारूकी थे. ट्रस्ट द्वारा निर्धारित प्रारूप में लाभार्थियों की सूची प्रस्तुत की गई, हालांकि जिन्हें कैंप में होना दर्शाया गया था. मगर,टेस्ट चेक रिपोर्ट में बने हस्ताक्षर के संबंध में जांच कार्यवाही किये जाने पर सत्यापन कर्ता के बने हस्ताक्षर व मोहर फर्जी पाए गए तथा 71 लाख पचास हजार रुपये फर्जी कागजात के सहारे डकार लिए गए थे. Conclusion:वहीं कोर्ट ने अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियोग की प्रकृति व गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी अस्वीकृत किया जाना न्यायहित में है. केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों को उपकरण वितरण के लिए डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को बड़ा बजट दिया गया था. उसके बाद ही ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप लगे. जांच में कुछ मामले सही भी पाए गए थे. इस पर ट्रस्ट की डायरेक्टर लुईस खुर्शीद के खिलाफ इटावा, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, कन्नौज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, भदोही, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, मेरठ, फतेहगढ़, मैनपुरी आदि जिलों में मुकदमे दर्ज हुए थे. ये मुकदमे वर्ष 2007 में दर्ज कराए गए थे.
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