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23 साल बाद हत्या के मामले में सात आरोपियों को आजीवन कारावास, जानें क्या है मामला

फर्रुखाबाद जिले में 23 साल पहले हुई हत्या के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने सात लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास सहित जुर्माने की सजा सुनाई है.

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आरोपियों को आजीवन कारावास
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Published : Mar 22, 2022, 8:11 PM IST

फर्रुखाबाद. जिले में 23 वर्ष पहले एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में पूर्व प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.अपर जिला सत्र न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसला सुनाए जाने के दौरान सभी अभियुक्तों के स्वजन न्यायालय परिसर में मौजूद थे. सजा की जानकारी मिलते महिलाएं व अन्य परिजन भी रो पड़े.

23 अप्रैल 1999 कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र ग्राम गेसिंगपुर निवासी वीरेंद्र सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे के मुताबिक ग्राम के ही शरद उर्फ छोटे भैया उर्फ मोनू राठौर उनके परिवारी दीपू, संजीव उर्फ छोटे गुड्डू से रंजिश चल रही थी. 23 अप्रैल 1999 को तीनों आरोपित ग्राम निसाई निवासी अवधेश, रामेश्वर, जागेश्वर, रामसेवक के साथ बंदूक राइफल व अन्य असलहे लेकर वीरेंद्र के घर में घुस आए और फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने से भतीजा सुखेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके अलावा उनके भाई वीरेंद्र व राजवीर भी घायल हुए. सुखेंद्र की इलाज के दौरान 25 अप्रैल 1999 को मौत हो गई.

न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुनवाई के दौरान एडीजीसी तेज सिंह राजपूत, संजीव कुमार पाल, राजीव भगोलीवाल, सुनील राठौर व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने शरद उर्फ मोनू राठौर व दीपू को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व एक-एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सनाई. संजीव, अवधेश, रामेश्वर, जागेश्वर व रामसेवक को उम्र कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना व घर में घुसकर मारपीट करने पर 5 वर्ष की कैद, 5 हजार का जुर्माना, दहशत फैलाने में दो वर्ष की कैद व 4-4 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें:शादी के बंधन को महिला ने किया तार-तार, पति को उतारा मौत के घाट

जुर्माने की वसूली गई राशि से 60% धनराशि वादी वीरेंद्र पाल सिंह को व 10% धनराशि घायल राजवीर, श्यामवीर सिंह को मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए गए हैं. आरोपियों को सजा दिन मिलने के बाद मृतक के परिजनों ने न केवल न्यायाधीश के इस न्याय पर संतोष व्यक्त किया.

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फर्रुखाबाद. जिले में 23 वर्ष पहले एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में पूर्व प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.अपर जिला सत्र न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसला सुनाए जाने के दौरान सभी अभियुक्तों के स्वजन न्यायालय परिसर में मौजूद थे. सजा की जानकारी मिलते महिलाएं व अन्य परिजन भी रो पड़े.

23 अप्रैल 1999 कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र ग्राम गेसिंगपुर निवासी वीरेंद्र सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे के मुताबिक ग्राम के ही शरद उर्फ छोटे भैया उर्फ मोनू राठौर उनके परिवारी दीपू, संजीव उर्फ छोटे गुड्डू से रंजिश चल रही थी. 23 अप्रैल 1999 को तीनों आरोपित ग्राम निसाई निवासी अवधेश, रामेश्वर, जागेश्वर, रामसेवक के साथ बंदूक राइफल व अन्य असलहे लेकर वीरेंद्र के घर में घुस आए और फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने से भतीजा सुखेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके अलावा उनके भाई वीरेंद्र व राजवीर भी घायल हुए. सुखेंद्र की इलाज के दौरान 25 अप्रैल 1999 को मौत हो गई.

न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुनवाई के दौरान एडीजीसी तेज सिंह राजपूत, संजीव कुमार पाल, राजीव भगोलीवाल, सुनील राठौर व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने शरद उर्फ मोनू राठौर व दीपू को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व एक-एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सनाई. संजीव, अवधेश, रामेश्वर, जागेश्वर व रामसेवक को उम्र कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना व घर में घुसकर मारपीट करने पर 5 वर्ष की कैद, 5 हजार का जुर्माना, दहशत फैलाने में दो वर्ष की कैद व 4-4 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

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जुर्माने की वसूली गई राशि से 60% धनराशि वादी वीरेंद्र पाल सिंह को व 10% धनराशि घायल राजवीर, श्यामवीर सिंह को मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए गए हैं. आरोपियों को सजा दिन मिलने के बाद मृतक के परिजनों ने न केवल न्यायाधीश के इस न्याय पर संतोष व्यक्त किया.

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