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कालिंदी एक्सप्रेस में धमाके के बाद भी नहीं सुधरे हालात, रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा 'राम भरोसे'

सुरक्षा के नाम पर अगर है तो वह जीआरपी व आरपीएफ थाना है, जहां पर अक्सर मुलाजिमों की कमी के कारण तमाम सुरक्षा व्यवस्था को भगवान भरोसे करार दिया जाए तो कोई गलत बात नहीं होगी.

रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा राम भरोसे.
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Published : Feb 22, 2019, 12:54 PM IST

फर्रुखाबाद: पुलवामा में आतंकी हमले के बाद रेलवे स्टेशन समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों की सुरक्षा को लेकर सरकार अलर्ट जारी कर चुकी है. वहीं फर्रुखाबाद स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. रेलवे स्टेशन पर बेरोकटोक लोगों की आवाजाही है. जीआरपी का दावा है कि पुलिसकर्मी लगातार संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर चेकिंग कर रहे हैं.

रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा राम भरोसे.


जीआरपी थाने के ठीक सामने प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर टूटी बाउंड्री स्टेशन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है. मुख्य द्वार से प्लेटफार्म तक यात्रियों की न तो तलाशी ली जाती है और न ही रेलवे पुलिस बल टोकता है. यह हम नहीं बल्कि यात्री बता रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर 5 प्लेटफॉर्म बने हुए हैं. रोजाना 30 से अधिक एक्सप्रेस, पैसेंजर, सुपरफास्ट व मालगाड़ियों का आवागमन यहां से होता है. यात्री व रेल संपत्ति की सुरक्षा में आरपीएफ और जीआरपी थाना प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. लेकिन रेलवे स्टेशन चारों तरफ से खुला होने से रेलवे पुलिस बल के लिए सुरक्षा बड़ी चुनौती बनी हुई है.


हालांकि रेलवे स्टेशन पर चार सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, लेकिन यात्रियों के लिए बने एंट्री गेट पर मैटल डिटेक्टर मशीन व सुरक्षा के अन्य इंतजाम नहीं किए गए हैं. सुरक्षा के नाम पर अगर है तो वह जीआरपी व आरपीएफ थाना है, जहां पर अक्सर मुलाजिमों की कमी के कारण तमाम सुरक्षा व्यवस्था को भगवान भरोसे करार दिया जाए तो कोई गलत बात नहीं होगी.

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बीती बुधवार शाम को कानपुर से भिवानी जा रही 14723 कालिंदी एक्सप्रेस के एक कोच में संदिग्ध हालात में एक विस्फोट हुआ था. कानपुर के बर्राजपुर स्टेशन के पास हुए कम तीव्रता के इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन दहशत में सारे यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए थे.

फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण

  • लखनऊ-अहमदाबाद, मथुरा- छपरा, आनंद विहार- कानपुर एक्सप्रेस, कोलकाता- आगरा एक्सप्रेस समेत कई लंबी दूरी की ट्रेने इस स्टेशन पर रुकती हैं.
  • इन ट्रेनों के लिहाज से भी फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है. कहने को पुलिसकर्मी प्लेटफार्म से लेकर बाहर तक की निगरानी करते हैं, लेकिन यहां पर सुरक्षा के दूसरे मानकों की लगातार अनदेखी हो रही है.
  • पूरे स्टेशन परिसर में सही मायने पर सीसीटीवी कैमरा तक नहीं है. अपराधी किसी वारदात को अंजाम देकर चला जाए तो, पुलिस को उसकी तलाशना मुश्किल हो जाएगा.

फर्रुखाबाद: पुलवामा में आतंकी हमले के बाद रेलवे स्टेशन समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों की सुरक्षा को लेकर सरकार अलर्ट जारी कर चुकी है. वहीं फर्रुखाबाद स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. रेलवे स्टेशन पर बेरोकटोक लोगों की आवाजाही है. जीआरपी का दावा है कि पुलिसकर्मी लगातार संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर चेकिंग कर रहे हैं.

रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा राम भरोसे.


जीआरपी थाने के ठीक सामने प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर टूटी बाउंड्री स्टेशन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है. मुख्य द्वार से प्लेटफार्म तक यात्रियों की न तो तलाशी ली जाती है और न ही रेलवे पुलिस बल टोकता है. यह हम नहीं बल्कि यात्री बता रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर 5 प्लेटफॉर्म बने हुए हैं. रोजाना 30 से अधिक एक्सप्रेस, पैसेंजर, सुपरफास्ट व मालगाड़ियों का आवागमन यहां से होता है. यात्री व रेल संपत्ति की सुरक्षा में आरपीएफ और जीआरपी थाना प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. लेकिन रेलवे स्टेशन चारों तरफ से खुला होने से रेलवे पुलिस बल के लिए सुरक्षा बड़ी चुनौती बनी हुई है.


हालांकि रेलवे स्टेशन पर चार सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, लेकिन यात्रियों के लिए बने एंट्री गेट पर मैटल डिटेक्टर मशीन व सुरक्षा के अन्य इंतजाम नहीं किए गए हैं. सुरक्षा के नाम पर अगर है तो वह जीआरपी व आरपीएफ थाना है, जहां पर अक्सर मुलाजिमों की कमी के कारण तमाम सुरक्षा व्यवस्था को भगवान भरोसे करार दिया जाए तो कोई गलत बात नहीं होगी.

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बीती बुधवार शाम को कानपुर से भिवानी जा रही 14723 कालिंदी एक्सप्रेस के एक कोच में संदिग्ध हालात में एक विस्फोट हुआ था. कानपुर के बर्राजपुर स्टेशन के पास हुए कम तीव्रता के इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन दहशत में सारे यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए थे.

फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण

  • लखनऊ-अहमदाबाद, मथुरा- छपरा, आनंद विहार- कानपुर एक्सप्रेस, कोलकाता- आगरा एक्सप्रेस समेत कई लंबी दूरी की ट्रेने इस स्टेशन पर रुकती हैं.
  • इन ट्रेनों के लिहाज से भी फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है. कहने को पुलिसकर्मी प्लेटफार्म से लेकर बाहर तक की निगरानी करते हैं, लेकिन यहां पर सुरक्षा के दूसरे मानकों की लगातार अनदेखी हो रही है.
  • पूरे स्टेशन परिसर में सही मायने पर सीसीटीवी कैमरा तक नहीं है. अपराधी किसी वारदात को अंजाम देकर चला जाए तो, पुलिस को उसकी तलाशना मुश्किल हो जाएगा.
Intro:एंकर- पुलवामा में आतंकी हमले के बाद रेलवे स्टेशन समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है, जबकि फर्रुखाबाद स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. रेलवे स्टेशन पर बेरोकटोक लोगों की आवाजाही है. वहीं जीआरपी का दावा है कि पुलिसकर्मी लगातार संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर चेकिंग कर रहे हैं.


Body:विओ- जीआरपी थाने के ठीक सामने प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर टूटी बाउंड्री स्टेशन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है. मुख्य द्वार से प्लेटफार्म तक यात्रियों की न तो तलाशी ली जाती है और न ही रेलवे पुलिस बल टोकता है. यह हम नहीं बल्कि यात्री बता रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर 5 प्लेटफॉर्म बने है. रोजाना 30 से अधिक एक्सप्रेस, पैसेंजर, सुपरफास्ट व मालगाड़ियों का आवागमन यहां से होता है. यात्री व रेल संपत्ति की सुरक्षा में आरपीएफ और जीआरपी थाना प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. लेकिन रेलवे स्टेशन चारों तरफ से खुला होने से रेलवे पुलिस बल के लिए सुरक्षा बड़ी चुनौती बनी हुई है. हालांकि रेलवे स्टेशन पर नाम मात्र के लिए 4 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन यात्रियों के लिए बने एंट्री गेट पर मैटल डिटेक्टर मशीन व सुरक्षा के अन्य इंतजाम नहीं किए गए हैं. सुरक्षा के नाम पर अगर है तो वह जीआरपी व आरपीएफ थाना है, जहां पर अक्सर मुलाजिमों की कमी के कारण तमाम सुरक्षा व्यवस्था को भगवान भरोसे करार दिया जाए तो कोई अति श्योक्ति नहीं होगी.
बाइट- यात्री


Conclusion:विओ-
फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण: लखनऊ-अहमदाबाद, मथुरा- छपरा, आनंद विहार- कानपुर एक्सप्रेस, कोलकाता- आगरा एक्सप्रेस समेत कई लंबी दूरी की ट्रेने इस स्टेशन पर रूकती है. इन ट्रेनों के लिहाज से भी फर्रुखाबाद स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है. कहने को पुलिसकर्मी प्लेटफार्म से लेकर बाहर तक की निगरानी करते हैं, लेकिन यहां पर सुरक्षा के दूसरे मानकों की लगातार अनदेखी हो रही है, पूरे स्टेशन परिसर में सही मायने पर सीसीटीवी कैमरा तक नहीं है. ऐसे में कोई अपराधी किसी वारदात को अंजाम देकर चला जाए तो पुलिस के लिए उसकी तलाश करना मुश्किल होगा.
बाइट- मुकेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक जीआरपी
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