फर्रुखाबाद : जिले में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम से स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है. वहीं सीएमओ कार्रवाई करने की बात कह कह रहे हैं. लकूला- मसेनी मार्ग पर संचालित अवैध नर्सिंग होम में झोलाछाप ही मरीजों की सर्जरी कर रहे हैं. जब मरीज की जान पर बन आती है तब उन्हें बाहर ले जाने की सलाह दे दी जाती है. आरोप है कि जब मामला फंसता है तो ले-देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है.
फर्रुखाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग में करीब 172 नर्सिंग होम रजिस्टर्ड हैं. इससे कहीं ज्यादा अवैध रूप से नर्सिंग होम चल रहे हैं. लकूला मशीनी में अधिकांश अवैध नर्सिंग होम में झोला छाप डॉक्टर सर्जरी कर रहे हैं, जिसकी वजह से मरीजों की जान खतरें में रहती है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की के नजरिए से देखा जाए तो वप इस मामले से अनजान बना हुआ है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्रा ने दी जानकारी जिले में कई नर्सिंग होम पर कार्रवाई तो हुई फिर भी वह नर्सिंग होम चल रहे हैं. 15 जुलाई को डिप्टी सीएमओ डॉ. राजीव शाक्य द्वारा आरएल हॉस्पिटल, एपीएस हॉस्पिटल, कलावती हॉस्पिटल, अंजली हॉस्पिटल, न्यू मॉडल हॉस्पिटल तथा केदार हॉस्पिटल के खिलाफ बिना पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित होने का मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बावजूद अभी भी उक्त नर्सिंग होम चल रहे हैं. डिप्टी सीएमओ ने इन अवैध चिकित्सालय के संचालक द्वारा रोगियों और जन सामान्य के जीवन को खतरे में डालते धोखाधड़ी करने की बात कही थी. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारी ही शांत है तो वह कैसे अवैध नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. अधिकारियों से दिशा निर्देश मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी.मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्रा ने बताया की अवैध और अमानत नर्सिंग होम के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की रणनीति तैयार की जा रही है. जैसे ही कोई शिकायत नर्सिंग होम की मिलती है. उसके खिलाफ जांच करा कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. हमारा अभियान पूरे जिले में चल रहा है, जो भी अवैध नर्सिंग होम पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.