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फर्रुखाबाद: स्वास्थ्य विभाग ने फिर जला दीं लाखों रुपये की दवा

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में सीएमओ कार्यालय परिसर में दवाएं जलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है. मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही.
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Published : Sep 3, 2020, 2:08 PM IST

फर्रुखाबाद: सीएमओ कार्यालय परिसर में मरीजों को निःशुल्क वितरण की जाने वाली दवाएं जलाने का मामला एक बार फिर से सामने आया है. फतेहगढ़ स्थित सीएचसी के पीछे काफी संख्या में जली-अधजली दवाएं मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. मालमा संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं.

मामला फतेहगढ़ स्थित सीएमओ कार्यालय परिसर का है, जहां सीएचसी के पीछे लाखों रुपये की दवाएं आग के हवाले कर दी गईं. अस्पताल के पीछे जलने वाली दवाओं का धुंआ हवा में जहर घोल रहा है. इन दवाओं से जिंदगी तो नहीं बचाई गई, बल्कि इन्हें जलाकर लोगों को बीमार करने का प्रयास किया जा रहा है. काफी संख्या में जली-अधजली दवाएं मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है. इनमें दवाओं के अलावा सैनिट्री पैड और ओआरएस पाउडर भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही.

बता दें कि दो वर्ष पूर्व भी सीएमओ कार्यालय के पीछे दवाएं जला दी गई थीं. इस मामले की जांच भी अभी पूरी नहीं हो सकी है. मामला तत्कालीन डीएम मोनिका रानी तक पहुंचा तो तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट रामअक्षयवर चैहान को जांच के लिए मौके पर भेजा गया था. मौके से उन्हें एक्सपाइरी डेट की माला-डी, निरोध व अन्य दवाओं के साथ वैध तिथि की दवाएं भी जलती मिलीं. इसके बाद मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है, तभी एक बार और दवाओं को आग के हवाले कर दिया गया.

मामले में सीएमओ वंदना सिंह ने कुछ भी कहने से मना कर दिया. वहीं डीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया कि दवाएं जलाने के संबंध में सीएमओ से लिखित जवाब मांगा गया है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

फर्रुखाबाद: सीएमओ कार्यालय परिसर में मरीजों को निःशुल्क वितरण की जाने वाली दवाएं जलाने का मामला एक बार फिर से सामने आया है. फतेहगढ़ स्थित सीएचसी के पीछे काफी संख्या में जली-अधजली दवाएं मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. मालमा संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं.

मामला फतेहगढ़ स्थित सीएमओ कार्यालय परिसर का है, जहां सीएचसी के पीछे लाखों रुपये की दवाएं आग के हवाले कर दी गईं. अस्पताल के पीछे जलने वाली दवाओं का धुंआ हवा में जहर घोल रहा है. इन दवाओं से जिंदगी तो नहीं बचाई गई, बल्कि इन्हें जलाकर लोगों को बीमार करने का प्रयास किया जा रहा है. काफी संख्या में जली-अधजली दवाएं मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है. इनमें दवाओं के अलावा सैनिट्री पैड और ओआरएस पाउडर भी शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही.

बता दें कि दो वर्ष पूर्व भी सीएमओ कार्यालय के पीछे दवाएं जला दी गई थीं. इस मामले की जांच भी अभी पूरी नहीं हो सकी है. मामला तत्कालीन डीएम मोनिका रानी तक पहुंचा तो तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट रामअक्षयवर चैहान को जांच के लिए मौके पर भेजा गया था. मौके से उन्हें एक्सपाइरी डेट की माला-डी, निरोध व अन्य दवाओं के साथ वैध तिथि की दवाएं भी जलती मिलीं. इसके बाद मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है, तभी एक बार और दवाओं को आग के हवाले कर दिया गया.

मामले में सीएमओ वंदना सिंह ने कुछ भी कहने से मना कर दिया. वहीं डीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया कि दवाएं जलाने के संबंध में सीएमओ से लिखित जवाब मांगा गया है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

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