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फर्रुखाबाद: भक्तों का दुख हरने आ रहे विघ्नहर्ता, मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार

गणेश महोत्सव को लेकर समूचे देश में धूम है. शहरों से लेकर गावों तक भगवान गणेश के भक्त उनकी प्रतिमा स्थापित करने के लिए पांडाल सजा रहे हैं. गणेश उत्सव की धूम फर्रुखाबाद में भी देखने को मिल रही है. जिले में भगवान बप्पा की मूर्तियों को मूर्तिकार अंतिम रूप देने में लगे हैं.

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Published : Aug 31, 2019, 9:23 PM IST

मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार.

फर्रुखाबाद: शहरों से लेकर गावों तक गणेश चतुर्थी की रौनक नजर आने लगी है. दो सितंबर को पंडालों में भगवान बप्पा की मूर्ति स्थापना के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. इन दिनों बाजार में भगवान गणेश की मूर्तियों को मूर्तिकार अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. यहां आकर्षक रंगों से सजी बप्पा की प्रतिमा लोगों को लुभा रही हैं. धीरे-धीरे ग्राहक मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं.

मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार.


शहर में गणपति की धूम

  • शहर में गणेश उत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है.
  • जगह-जगह बप्पा के दरबार तैयार हो रहे हैं.
  • फतेहगढ़ रोड पर गणेश की प्रतिमाओं को 10 कलाकारों की टीम अंतिम रूप देने में लगी हुई है.

कुछ इस तरह दिखेंगें बप्पा

  • गणपति को शंख से लेकर मुंबई के लाल बाग के राजा की तरह सिंहासन पर बैठाया गया है.
  • डमरु, मोर और ओम सिंहासन के साथ-साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं.
  • बाएं तरफ सूंड वाले गणेश की बाजार में अधिक मांग है.
  • मूर्तियों को बनाते समय कलाकार सूंड की दिशा का भी ध्यान रखते हैं.
  • फर्रुखाबाद में बाएं तरफ सूंड वाले गणेश की अधिक मांग रहती है.

प्रतिमा बनाने के लिए चार महीने तक घर से बाहर रहते हैं. बाजारों में मूर्तियों के दाम 50 रुपये से लेकर 11 हजार तक है. पिछले कई सालों से मूर्तियों की मांग बढ़ी है. इन मूर्तियों को डाई के माध्यम से तैयार किया जाता है. जिसके बाद आकर्षक रंगों में रंगा जाता है.
-रमेश कुमार, मूर्तिकार

फर्रुखाबाद: शहरों से लेकर गावों तक गणेश चतुर्थी की रौनक नजर आने लगी है. दो सितंबर को पंडालों में भगवान बप्पा की मूर्ति स्थापना के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. इन दिनों बाजार में भगवान गणेश की मूर्तियों को मूर्तिकार अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. यहां आकर्षक रंगों से सजी बप्पा की प्रतिमा लोगों को लुभा रही हैं. धीरे-धीरे ग्राहक मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं.

मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार.


शहर में गणपति की धूम

  • शहर में गणेश उत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है.
  • जगह-जगह बप्पा के दरबार तैयार हो रहे हैं.
  • फतेहगढ़ रोड पर गणेश की प्रतिमाओं को 10 कलाकारों की टीम अंतिम रूप देने में लगी हुई है.

कुछ इस तरह दिखेंगें बप्पा

  • गणपति को शंख से लेकर मुंबई के लाल बाग के राजा की तरह सिंहासन पर बैठाया गया है.
  • डमरु, मोर और ओम सिंहासन के साथ-साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं.
  • बाएं तरफ सूंड वाले गणेश की बाजार में अधिक मांग है.
  • मूर्तियों को बनाते समय कलाकार सूंड की दिशा का भी ध्यान रखते हैं.
  • फर्रुखाबाद में बाएं तरफ सूंड वाले गणेश की अधिक मांग रहती है.

प्रतिमा बनाने के लिए चार महीने तक घर से बाहर रहते हैं. बाजारों में मूर्तियों के दाम 50 रुपये से लेकर 11 हजार तक है. पिछले कई सालों से मूर्तियों की मांग बढ़ी है. इन मूर्तियों को डाई के माध्यम से तैयार किया जाता है. जिसके बाद आकर्षक रंगों में रंगा जाता है.
-रमेश कुमार, मूर्तिकार

Intro:एंकर- धर्मनगरी फर्रुखाबाद में गणेश चतुर्थी की रौनक नजर आने लगी है. 2 सितंबर को पंडालों में भगवान बप्पा की मूर्ति स्थापना के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. इन दिनों बाजार में भगवान गणेश की मूर्तियों को मूर्तिकार अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. यहां आकर्षक रंगों से सजी बप्पा की प्रतिमा लोगों को लुभा रही हैं .धीरे-धीरे ग्राहक मूर्तियों की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं.





Body:विओ- शहर में गणेश उत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. जगह-जगह बप्पा के दरबार तैयार हो रहे हैं. फतेहगढ़ रोड पर गणेश की प्रतिमा बनाने में जुटे मैनपुरी से आए 10 कलाकारों की टीम प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगी हुई है. मूर्तिकारो ने बताया कि प्रतिमा बनाने के लिए 4 महीने तक घर से बाहर रहते हैं. बाजारों में मूर्तियों के दाम 50 रुपये से लेकर 11 हजार तक हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से मूर्तियों की मांग बढ़ी है. इन मूर्तियों को डाई के माध्यम से तैयार किया जाता है. जिसके बाद आकर्षक रंगों में रंगा जाता है.
अलग-अलग रूप में श्रद्धालुओं को लुभा रहे बप्पा: गणपति को शंख से लेकर मुंबई के लाल बाग के राजा की तरह सिंहासन पर बैठाया गया है. इसके अलावा डमरु, मोर व ओम सिंहासन के साथ-साथ आधे शिव के रूप में बनी गणपति की मूर्तियां लोगों को लुभा रही है. यह मूर्तियां आधे फुट से 9 फुट तक के साइज में उपलब्ध है. साथ ही बड़ी मूर्तियों की तुलना में छोटी मूर्तियों की अधिक बिक्री होती है.







Conclusion:बाएं तरफ सूंड वाले गणेश जी की अधिक मांग: कलाकार ने बताया कि मूर्तियों को बनाते हुए सूंड का भी ध्यान रखा जाता है. फर्रुखाबाद में बाएं तरफ सूंड वाले गणेश की अधिक मांग रहती है. लेकिन मुंबई-अहमदाबाद व पुणे समेत अन्य शहरों में दाएं तरफ सूंड वाले गणेश की मांग रहती है. वहीं कुछ लोग सीधी सूंड वाले गणेश की मूर्तियों की भी मांग करते हैं.
बाइट- रमेश कुमार, मूर्तिकार
बाइट- ,भक्त
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