फर्रुखाबादः दहेज की मांग में महिला की हत्या, पिता-पुत्र को उम्रकैद - फर्रुखाबाद समाचार
यूपी के फर्रुखाबाद में दो साल पहले हुए दहेज हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर जिला न्यायालय में सजा सुनाई गई. मामले में आरोपी पिता-पुत्र को हत्या में उम्रकैद और 25-25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई है.
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फर्रुखाबाद: जिले में दहेज में दो लाख नकदी और भूमि देने की मांग पूरी नहीं होने पर दो वर्ष पूर्व एक महिला की जहर देकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शुक्रवार को सजा सुनाई गई. अपर जिला सत्र न्यायाधीश यादवेंद्र सिंह ने अरोपी पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
जानें क्या था मामला
- अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव नगला हूषा निवासी सरिता अवस्थी ने एक अगस्त 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
- उन्होंने अपनी पुत्री रानू उर्फ प्रिया की शादी गांव बलीपट्टी रानी गांव निवासी मोहित अग्निहोत्री के साथ साल 2015 में की थी.
- शादी के कुछ माह बीत जाने के बाद पुत्री का पति और ससुर जगदीश अग्निहोत्री दहेज में दो लाख नकदी और जमीन की मांग करने लगे.
- दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उन लोगों ने 1 अगस्त 2017 को पुत्री की जहर खिलाकर हत्या कर दी.
- मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्रधिकारी ने पिता- पुत्र के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया.
इस मामले में सुनवाई के दौरान एडीजीसी शिवनरेश सिंह और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने साक्ष्य के आधार पर गैर इरादतन हत्या की धारा के अलावा हत्या की धारा का भी संज्ञान ले लिया.
इसी के तहत पिता-पुत्र को हत्या में उम्रकैद और 25-25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा दहेज उत्पीड़न की दो वर्ष की कैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा से भी दंडित किया गया है. वहीं गैर इरादतन हत्या और दहेज प्रतिषेध अधिनियम में साक्ष्य के अभाव में दोनों अभियुक्तों को बरी कर दिया.
Body:वीओ- अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव नगला हूषा निवासी सरिता अवस्थी ने एक अगस्त 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उन्होंने अपनी पुत्री रानू उर्फ प्रिया की शादी गांव बलीप ट्टी रानी गांव निवासी मोहित अग्निहोत्री के साथ साल 2015 में की थी. शादी के कुछ माह बीत जाने के बाद पुत्री का पति व ससुर जगदीश अग्निहोत्री दहेज में दो लाख नकदी व जमीन की मांग करने लगे. दहेज की मांग पूरी न होने पर एक अगस्त 2017 को पुत्री की जहर खिलाकर हत्या कर दी. मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्रधिकारी ने पिता- पुत्र के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. इस मामले में सुनवाई के दौरान एडीजीसी शिवनरेश सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने साक्ष्य के आधार पर गैर इरादतन हत्या की धारा के अलावा हत्या की धारा को भी संज्ञान ले लिया. Conclusion:इसी के तहत पिता-पुत्र को हत्या में उम्रकैद व 25-25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा दहेज उत्पीड़न की दो वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा से भी दंडित किया गया है. वहीं गैर इरादतन हत्या व दहेज प्रतिषेध अधिनियम में साक्ष्य के अभाव में दोनों अभियुक्त को बरी कर दिया.