फर्रुखाबाद: जिले में तीन तलाक का एक शर्मनाक मामला सामने आया है. पति ने तीन तलाक देने के बाद अपने पिता से हलाला करने का दबाव पत्नी पर बनाया है. महिला का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की. पीड़िता ने पुलिस की कार्रवाई पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
थाना मऊदरवाजा के मोहल्ला तलैया साहबजादगान निवासी मोहम्मद शाकिर की पुत्री अर्शी फातिमा ने मंगलवार को न्याय के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई. अतिरिक्त मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार डीएम कार्यालय से निकलकर अपनी गाड़ी में बैठ गए थे. उसी समय पीड़ित महिला उनके वाहन के पास खड़ी हो गई. सुरक्षाकर्मी ने महिला का प्रार्थना पत्र लेकर मजिस्ट्रेट को दिया. मामले को गंभीर देखकर मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार वापस डीएम कार्यालय पहुंचे. उन्होंने महिला की फरियाद सुनी.
आपबीती बताते समय पीड़ित महिला रोने लगी और जमीन पर बैठकर हाथ जोड़कर न्याय के लिए फरियाद की. सुरक्षाकर्मी ने महिला को उठाया और तसल्ली से बात करने को कहा. थोड़ी देर बाद जब डीएम संजय कुमार ने पीड़ितों से मुलाकात की तो पीड़ित महिला ने उनको भी शिकायती पत्र दिया. शिकायत के मुताबिक, थाना मऊदरवाजा पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 323, 504, 506 धारा 4 मुस्लिम महिला अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी.
महिला ने आरोप लगाया कि एटा के मोहल्ला काजी मारहरा निवासी पति अली अशरफ कादरी शातिर किस्म का है. उसने उसे तीन तलाक दे दिया. विरोध करने पर पिटाई की और तमंचा दिखाकर धमकाया कि यदि कानूनी कार्रवाई की तो उसकी लाश का भी पता नहीं लगेगा. अली अशरफ ने चेतावनी दी है कि पिता से हलाला कराने के बाद ही उसे घर पर रखेंगे. महिला ने आशंका जाहिर की है कि मुकदमे की पैरवी में फतेहगढ़ अदालत आते जाते समय उसका पति उसकी और उसकी मां की हत्या करवा सकता है.
पीड़ित महिला का आरोप है कि विवेचक ने मोटी रकम लेकर नामजद आरोपी ससुर सईद उल्ला, रिहाना, निदा, फैजी, शोएब मुशीर और सरवर हाफिज मास्टर का नाम मुकदमे से निकाल दिया. उसने कहा कि न्याय न मिलने के कारण मासूम बच्ची के साथ दर-दर भटक रही है. पीड़िता ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं उसने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है. वहीं, बेटियों को आज भी न्याय नहीं मिल पा रहा है.
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