फर्रुखाबाद: सूबे के फर्रुखाबाद जनपद (Farrukhabad) में दबंगों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि इनके खौफ तले लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. ताजा मामला एक पूर्व सैनिक से जुड़ा है. पूर्व सैनिक इन दिनों इलाके के दबंगों की दबंगई से (Ex-Armyman troubled by Dabangs) इस कदर परेशान हैं कि उन्होंने आखिरकार अपने मकान के बाहर पोस्टर (Poster used to sell house) लगा दिया कि उन्हें अपना मकान बेचना है. खैर, आखिर क्यों वे अपने मकान को बेचने को मजबूर हैं के बारे में पता करने को निकली टीम ईटीवी भारत को पता चला कि दबंगों ने पूर्व सैनिक के घर का रास्ता ही बंद कर रखा है, जिसके कारण उन्हें खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, पूर्व सैनिक यशवंत सिंह अपने पैतृक मकान में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन दबंग किस्म के एक व्यक्ति ने रास्ते को ही बंद कर दिया है. जिससे फौजी को गांव की मेड़ों से गुजर कर आना जाना पढ़ रहा है. इससे पूर्व सैनिक काफी परेशान हैं. हालांकि, उन्होंने उक्त मामले से पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को अवगत कराने के साथ ही न्याय की गुहार तक लगा चुके हैं.
लेकिन किसी भी अधिकारी ने पूर्व सैनिक की एक न सुनी. इससे आहत होकर पूर्व सैनिक अब यहां से कही और जाने की सोच रहे हैं. इधर, उक्त खबर की जानकारी ऊपरी स्तर पर होने पर हरकत में आई पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है. साथ ही समस्या का हल निकालने की कोशिश की जा रही है.
वहीं, पुलिस के समझाने पर भी पूर्व सैनिक ने अपने मकान पर लगे मकान बेचने के पोस्टर नहीं हटाया है. वहीं, अधिकारी व कर्मचारी मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं. दरअसल, पूरा मामला मऊ दरवाजा क्षेत्र के छोटी बरौन के रहने वाले पूर्व सैनिक यशवंत सिंह पुत्र शुगर सिंह ने बुधवार को अपने घर के बाहर मकान बिकाऊ की पोस्टर लगा दिए हैं.
पूर्व सैनिक यशवंत सिंह ने बताया कि यह उनका पैतृक मकान है. उनके मकान के सामने तक खड़ंजा बिछा हुआ है, जिसके आगे रक्षपाल पुत्र भारत सिंह का मकान पड़ता है. जिन्होंने अपने घर के आगे के रास्ते में कूड़ा करकट डालकर आम रास्ते को बंद कर दिया है, जिससे हमें गांव की मेड़ों से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, खेतों में टेक्टर भी नहीं पहुंच पाता है.
पूर्व सैनिक ने आगे कहा कि उनकी पुत्र वधू की डिलीवरी होने को है. ऐसे में उन्हें अक्सर डॉक्टर को दिखाने के लिए आना जाना पड़ता है. रास्ता न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इमरजेंसी पड़ने पर मेरे दरवाजे पर न तो कोई एंबुलेंस आ सकती है और न ही हम लोग किसी निजी वाहन से कहीं अस्पताल जाकर दिखा सकते हैं.
जबकि जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन थाने तक से गुहार लगा चुका हूं. लेकिन दबंगों के आगे पुलिस व प्रशासन ने एक नहीं सुनी और हम लोग बराबर चक्कर काटकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में अगर हमें न्याय नहीं मिलता है तो हम घर बेचकर पलायन को मजबूर होंगे.