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चेक बाउंस मामले में कॉलेज कर्मचारी पर सजा के साथ लगा जुर्माना

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Published : Dec 22, 2020, 2:54 PM IST

फर्रुखाबाद जिले के पल्ला तालाब करोड़ी लाल स्ट्रीट में दो लाख रुपये को लेकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. जिसे मुख्य न्यायाधीश मैजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए, आरोपित को एक वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

दो लाख रुपये को लेकर धोखाधड़ी का मामला आया सामने
दो लाख रुपये को लेकर धोखाधड़ी का मामला आया सामने

फर्रुखाबाद : जिले में धोखाधड़ी कर दो लाख रुपये लेने के बाद रुपये वापस देने के नाम पर युवक को चेक दिया गया. यह चेक भी बाउंस हो गया. इसे लेकर मुख्य न्यायाधीश मैजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार सिंह ने मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए आरोपित को एक वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

फर्रुखाबाद कोतवाली के पल्ला तालाब करोड़ी लाल स्ट्रीट निवासी अश्वनी दीक्षित ने सीजेएम न्यायालय में दायर की याचिका में कहा कि एनएकेपी डिग्री कॉलेज में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुधीर शुक्ला से उनके संबंध थे. सुधीर शुक्ला ने उनसे इमरजेंसी बताकर ढाई लाख रुपये मांगे थे. इसके बाद उन्होंने सुधीर शुक्ला को दो लाख रुपये दे दिए.

कई बार तगादे के बाद भी नहीं किए पैसे वापस

रुपये वापस करने के लिए कहने पर उन्होंने अपने फंड से भुगतान करने का भरोसा दिया. कुछ दिनों बाद सुधीर शुक्ला ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की दो लाख की चेक 15 जुलाई 2016 को उन्हें दे दी. सुधीर शुक्ला ने 20 दिन बाद खाते में चेक लगाने का अनुरोध किया. 20 दिन बाद जब उन्होंने अपने खाते में चेक लगाई तो खाते में बैलेंस न होने से चेक बाउंस हो गई. उसके बाद उन्होंने नोटिस देकर कई बार तगादा किया, लेकिन रुपये वापस नहीं किए गए.

1 साल की सजा, 40 हजार का जुर्माना

इस मामले में सोमवार को सीजेएम न्यायालय में अभियोजन अधिकारी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सीजेएम ने सुधीर शुक्ला को एक वर्ष की कैद के साथ 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा के तौर पर सुनाई गई है. इसके अलावा 39 हजार रुपये के क्षतिपूर्ति के रूप में प्रतिकर दिए जाने के आदेश दिए हैं.

फर्रुखाबाद : जिले में धोखाधड़ी कर दो लाख रुपये लेने के बाद रुपये वापस देने के नाम पर युवक को चेक दिया गया. यह चेक भी बाउंस हो गया. इसे लेकर मुख्य न्यायाधीश मैजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार सिंह ने मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए आरोपित को एक वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

फर्रुखाबाद कोतवाली के पल्ला तालाब करोड़ी लाल स्ट्रीट निवासी अश्वनी दीक्षित ने सीजेएम न्यायालय में दायर की याचिका में कहा कि एनएकेपी डिग्री कॉलेज में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुधीर शुक्ला से उनके संबंध थे. सुधीर शुक्ला ने उनसे इमरजेंसी बताकर ढाई लाख रुपये मांगे थे. इसके बाद उन्होंने सुधीर शुक्ला को दो लाख रुपये दे दिए.

कई बार तगादे के बाद भी नहीं किए पैसे वापस

रुपये वापस करने के लिए कहने पर उन्होंने अपने फंड से भुगतान करने का भरोसा दिया. कुछ दिनों बाद सुधीर शुक्ला ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की दो लाख की चेक 15 जुलाई 2016 को उन्हें दे दी. सुधीर शुक्ला ने 20 दिन बाद खाते में चेक लगाने का अनुरोध किया. 20 दिन बाद जब उन्होंने अपने खाते में चेक लगाई तो खाते में बैलेंस न होने से चेक बाउंस हो गई. उसके बाद उन्होंने नोटिस देकर कई बार तगादा किया, लेकिन रुपये वापस नहीं किए गए.

1 साल की सजा, 40 हजार का जुर्माना

इस मामले में सोमवार को सीजेएम न्यायालय में अभियोजन अधिकारी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सीजेएम ने सुधीर शुक्ला को एक वर्ष की कैद के साथ 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा के तौर पर सुनाई गई है. इसके अलावा 39 हजार रुपये के क्षतिपूर्ति के रूप में प्रतिकर दिए जाने के आदेश दिए हैं.

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