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पंचायत चुनाव के बाद गांव में कोरोना की दस्तक, ग्रामीणों में दिख रहे संक्रमण के लक्षण

फर्रुखाबाद के अमिलैया आशानंद में बड़ी संख्या में लोग संक्रामक रोगों से ग्रसित हैं. ज्यादातर में कोरोना के लक्षण साफ झलक रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेस्टिंग की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई.

अमिलैया आशानंद  गांव में कोरोना मरीज
अमिलैया आशानंद गांव में कोरोना मरीज
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Published : May 23, 2021, 2:00 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में ग्रामीण इलाकों में जुकाम-बुखार, खांसी और कोरोना वायरस का प्रसार होने से अब संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. महामारी पर नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग भी पीछे है. माना जाता है कि पंचायत चुनाव के बाद गांवों की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई है. शायद ही कोई घर ऐसा हो, जहां पर लोग जुकाम-बुखार और खांसी से पीड़ित न हों. हालांकि सरकारी आंकड़ों में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सर्वे करा कर खाना पूर्ति कर दी गयी है. लेकिन गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत जानने कोई अधिकारी या डॉक्टर नहीं आया है.

अमिलैया आशानंद उप स्वास्थ्य केंद्र 12 साल से बंद

फतेहगढ़ मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर अमिलैया आशानंद गांव की जनसंख्या करीब 2,000 है. गांव का उप स्वास्थ्य केंद्र करीब 12 साल से बंद पड़ा है. स्वास्थ्य केंद्र जब से बना है तब से संचालन की राह निहार रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण अपने जानवरों को बांध रहे हैं. यहां ग्रामीण छोटी-मोटी बीमारियों के लिए झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेते हैं.

गांव में संक्रामक रोगों से पीड़ित हैं लोग

बताया जा रहा है कि अमिलैया आशानंद स्वास्थ्य केंद्र पर 12 साल से कोई भी सरकारी डॉक्टर नहीं बैठा. स्वास्थ्य केंद्र चालू करने की ग्रामीणों ने कई बार मांग की, लेकिन अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. वहीं ग्राम प्रधान की उदासीनता के चलते गांव में नालियों की साफ-सफाई नहीं हो रही. गांव में चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. नालियों में गंदगी की वजह से संक्रामक रोग फैल रहे हैं. अब तक सैकड़ों लोग खांसी-जुकाम और बुखार की चपेट में आ चुके हैं.

इसे भी पढ़ें-स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ग्रामीणों ने की अभद्रता, वीडियो वायरल

कोरोना वायरस से संक्रमित ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें से सभी को पहले बुखार की शिकायत हुई, फिर सांस लेने में दिक्कत होने लगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो गांव में सेनिटाइजेशन कराया गया और न ही और दवाइयां वितरित की जा रही हैं. गांव में भी लापरवाही के साथ बिना मास्क लगाए घूमते हैं, जिससे महामारी का प्रकोप फैलने की आशंका बढ़ गई है. सीएमओ वंदना सिंह ने बताया कि समस्या संज्ञान में आई है. स्वास्थ्य टीम को भेजकर सैंपलिंग कराई जाएगी. जो भी स्वास्थ्य कर्मी दोषी हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फर्रुखाबाद: जिले में ग्रामीण इलाकों में जुकाम-बुखार, खांसी और कोरोना वायरस का प्रसार होने से अब संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. महामारी पर नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग भी पीछे है. माना जाता है कि पंचायत चुनाव के बाद गांवों की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई है. शायद ही कोई घर ऐसा हो, जहां पर लोग जुकाम-बुखार और खांसी से पीड़ित न हों. हालांकि सरकारी आंकड़ों में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सर्वे करा कर खाना पूर्ति कर दी गयी है. लेकिन गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत जानने कोई अधिकारी या डॉक्टर नहीं आया है.

अमिलैया आशानंद उप स्वास्थ्य केंद्र 12 साल से बंद

फतेहगढ़ मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर अमिलैया आशानंद गांव की जनसंख्या करीब 2,000 है. गांव का उप स्वास्थ्य केंद्र करीब 12 साल से बंद पड़ा है. स्वास्थ्य केंद्र जब से बना है तब से संचालन की राह निहार रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण अपने जानवरों को बांध रहे हैं. यहां ग्रामीण छोटी-मोटी बीमारियों के लिए झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेते हैं.

गांव में संक्रामक रोगों से पीड़ित हैं लोग

बताया जा रहा है कि अमिलैया आशानंद स्वास्थ्य केंद्र पर 12 साल से कोई भी सरकारी डॉक्टर नहीं बैठा. स्वास्थ्य केंद्र चालू करने की ग्रामीणों ने कई बार मांग की, लेकिन अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. वहीं ग्राम प्रधान की उदासीनता के चलते गांव में नालियों की साफ-सफाई नहीं हो रही. गांव में चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. नालियों में गंदगी की वजह से संक्रामक रोग फैल रहे हैं. अब तक सैकड़ों लोग खांसी-जुकाम और बुखार की चपेट में आ चुके हैं.

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कोरोना वायरस से संक्रमित ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें से सभी को पहले बुखार की शिकायत हुई, फिर सांस लेने में दिक्कत होने लगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो गांव में सेनिटाइजेशन कराया गया और न ही और दवाइयां वितरित की जा रही हैं. गांव में भी लापरवाही के साथ बिना मास्क लगाए घूमते हैं, जिससे महामारी का प्रकोप फैलने की आशंका बढ़ गई है. सीएमओ वंदना सिंह ने बताया कि समस्या संज्ञान में आई है. स्वास्थ्य टीम को भेजकर सैंपलिंग कराई जाएगी. जो भी स्वास्थ्य कर्मी दोषी हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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