फर्रुखाबाद: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अधिवक्ता और वादकारियों के वाहनों को न्यायालय परिसर के अंदर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. सोमवार को पुलिसकर्मियों ने गेट पर कुछ वकीलों के वाहन न्यायालय परिसर के अंदर ले जाने से रोक दिए. इसके बाद अधिवक्ताओं ने मुख्य गेट के सामने वाहन खड़े कर दिए और हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान अधिवक्ताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई.
लखनऊ में हुई घटना को देखते हुए उच्च न्यायालय ने न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने के निर्देश दिए थे. इसके मद्देनजर सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार, सीओ सिटी मन्नीलाल गौड़ न्यायालय के मुख्य द्वार पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे. वकीलों के वाहन पार्क में खड़े कराने को कहा गया.
इसी बीच कुछ अधिवक्ताओं ने मुख्य गेट के सामने वाहन खड़े कर दिए और हंगामा शुरू कर दिया. अधिवक्ताओं का आरोप है कि न्यायालय परिसर की चहारदीवारी का निर्माण कराया जा रहा था, जिसमें दो अधिवक्ताओं के चेंबर चहारदीवारी के सामने आ जाने के चलते बंद कर दिया गया.
उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से उक्त फैसला लिया गया है, जिसके बाद अधिवक्ता शांत हुए. उच्च न्यायालय ने सभी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और वादकारियों को परिचयपत्र और पास जारी करने के आदेश दिए थे. आईडी देखने के बाद ही न्यायालय परिसर में प्रवेश देने को कहा गया है. इसके अलावा अधिवक्ताओं और वादकारियों के वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
-अशोक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट