फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद नगर पालिका कार्यालय की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के हालात कैसे हैं. यहां बरसात के मौसम में सरकारी कार्यलयों की छतों से पानी टपक रहा है. नगर पालिका के कर्मचारी फाइलों को टपकते पानी से बचाने के लिए दिनभर अपनी कुर्सी-मेज इधर से उधर करते नजर आते हैं. जबकि कई कर्मचारी जर्जर छत गिरने के भय से दुबके रहते हैं. पालिका के अधिकारी शहर भर में सफाई व्यवस्था व सड़के दुरूस्त कराने का दावा करते हैं, लेकिन नाक के नीचे कार्यालय की मरम्मत कराना उचित नहीं समझते.
बता दें कि नगर पालिका कार्यालय शहर के टाउन हॉल में स्थित है. यह जर्जर बिल्डिंग ब्रिटिश शासनकाल की निर्मित हुई थी. लंबा समय गुजर जाने के बाद इसका जर्जर होना स्वाभाविक है. हैरानी की बात तो यह है कि शहर में जर्जर मकानों को नोटिस देकर गिराने वाली नगर पालिका का अपना ही भवन खस्ताहाल में है.
भवन की छत कई जगह टूट कर गिर पड़ी है या तो कई जगहों पर गिरने के कगार पर है. बरसात के मौसम में छतों से पानी टपकता रहता है, जिससे बारिश का पानी कार्यालयों में भर जाता है. यहां लगी खिड़कियां सिर्फ नाम की रह गई हैं. अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी भवन गिर सकता है.
नगर पालिका की जर्जर बिल्डिंग में हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, सड़क निर्माण और पार्किंग कार्यालय स्थित है. उक्त कार्यालय पूरी तरह से जर्जर है. फर्श से लेकर छत तक टूटी है. डर के साये में कर्मचारी और अधिकारी कार्य कर रहे हैं. जल पार्षद शाखा में कार्यरत कर्मी कहते हैं कि कार्यालय जर्जर होने के कारण हमेशा भय बना रहता है. कभी भी छत गिर सकती है.
नगर पालिका की जर्जर बिल्डिंग को लेकर चेयरमैन को पत्र लिखा गया है. करीब एक सप्ताह में बजट बनाकर स्वीकृत के लिए शासन को भेज दिया जाएगा. जर्जर भवन तोड़कर नई इमारत जल्द ही बनाई जाएगी.
रवींद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी, फर्रुखाबाद