फर्रुखाबाद : केंद्रीय कारागार को ओपन जेल बनाया जा सकता है. शासन से अनुमोदन के साथ ही काम शुरू कर दिया जाएगा. ओपन जेल में अच्छे आचरण वाले बंदियों को खुला माहौल और परिवार से मिलने के अवसर के अलावा अधिक स्वतंत्रता दी जा सकेगी. इस जेल में निरुद्ध बंदियों को रोजगार मिलेगा. बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जेल अधीक्षक पीएन पांडे ने इस योजना के शुरू होने की उम्मीद जताई है.
डीजी जेल ने संभावना तलाशने की बात कही : जेल अधीक्षक केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ पीएन पांडे ने बताया कि बीते दिनों डीजी जेल एसएन साबत ने केंद्रीय कारागार का दौरा कर यहां पर प्रदेश की पहली ओपन जेल की अवधारणा साकार करने की संभावना की बात कही थी. ब्रिटिश काल में वर्ष 1868 में बने करीब 150 साल पुराने इस केंद्रीय कारागार के करीब 35 से 40 एकड़ क्षेत्रफल में ओपन जेल बनाने का खाका तैयार किया जा रहा है. इसमें कृषि फार्म और तालाब क्षेत्र के अलावा वर्तमान में निष्प्रयोज्य पड़े बागी सुधार गृह के भवन को भी शामिल किए जाने की योजना है. यहां पर बंदियों को खेती, मत्स्य पालन और पशुपालन के अलावा अन्य काम करने की छूट रहेगी. इससे जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की भीड़ की स्थिति में सुधार होगा.
सरकार कर रही विचार : पीएन पांडे ने बताया कि अभी यह कॉन्सेप्ट लेवल पर है.यह बहुत पुराना कांसेप्ट है. पहले यह दो जेल हुआ करती थी. एक उत्तराखंड में चली गई और एक बंद हो गई. ओपन जेल के लिए हमारी राज्य सरकार सोच रही है. ओपन जेल के संबंध कार्य योजना बनाई जाए.आगे उसमें काम चल रहा है.ओपन जेल का जो कांसेप्ट है वह पहले से ही. उनके लिए मिनिमम सिक्योरिटी होगी. अधिकतम आजादी का बोध होगा.समाज में एकीकरण हो सकेगा.
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