फर्रुखाबाद: कोरोना संकट की घड़ी में दिन-रात काम करने वाले 108, 102 एंबुलेंस के कोरोना योद्धाओं ने महंगाई भत्ता और मानदेय न दिए जाने पर प्रदर्शन किया. मंगलवार को उन्होंने दो घंटे कार्य बहिष्कार कर एंबुलेंस सेवा बंद कर दी. गनीमत रही कि इस दौरान इमरजेंसी में कॉल नहीं आई.
जिला अस्पताल में मंगलवार को एंबुलेंसकर्मियों ने 102 और 108 एंबुलेंस सेवा को बंद कर दिया. यहां पर जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मी संघ के बैनर तले अध्यक्ष कश्मीर कनौजिया के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि कई बार आवाज उठाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा हम कर्मचारियों से नियम विरुद्ध कार्य लेकर उनका शोषण किया जा रहा है. हमारे वेतन का समय निर्धारित किया जाए. वेतन प्रत्येक माह के एक से सात तारीख के बीच में भुगतान कर दिया जाए.
उन्होंने बताया कि हमें पीएल, सीएल और सरकार द्वारा निर्धारित अवकाश नहीं दिया जाता है. इतना ही नहीं अवकाश वाले दिन भी हम लोगों से कार्य लिया जाता है, जिसका कोई अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाता है. इसलिए अवकाश के दिनों का अतिरिक्त वेतन दिलाया जाए.
एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि शासन द्वारा 7,085 रुपये निर्धारित हैं, लेकिन कंपनी द्वारा सिर्फ 6500 रुपये दिया जा रहा है. मंहगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है. पायलट और ईएमटी ने चेतावनी दी है कि जल्द ही उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो सारी एंबुलेंस बंद कर दी जाएंगीं. अब आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी. हालांकि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है. प्रदर्शन के दौरान उपाध्यक्ष सुखदेव सिंह, कोषाध्यक्ष अजीत यादव, संगठन मंत्री आदेश यादव, बलराम सिंह, शशी कपूर, ओमनिवास, लोकेश, मुकेश कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह, राजकिशोर, संजीव कुमार, भवरपाल, निकिता, लक्ष्मण सिंह आदि मौजूद रहे.