फर्रुखाबादः जिले में कोविड-19 में छात्रों को दिए जाने वाले कन्वर्जन कास्ट से 93 हजार गायब हो गए. जानकारी होने के बावजूद अधिकारी मामला दबाए बैठे रहे. पहले तो बेसिक शिक्षा विभाग ने (कन्वर्जन कास्ट) मिड डे मील के तहत मिलने वाली राशि जिसे बच्चों को खाने के लिए दिया जाता है. विद्यालय के खाते में भेजे जाने का दावा करता रहा, लेकिन जब प्रधानाचार्य ने खाता जाकर देखा तो अधिकारी चुप्पी साध गए. दो माह से प्रधानाचार्य समस्या के समाधान के लिए बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
खाते में अधिकारियों ने पैसा ही नहीं भेजा
जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुआं खेड़ा खास शमशाबाद में कक्षा 6 से 8 तक के करीब 166 छात्र पंजीकृत हैं. कोविड-19 के चलते इन छात्रों को 76 दिन की कन्वर्जन कास्ट (मिडडे मिल के तहत मिलने वाली बच्चों को मिलने वाली राशि) दिए जाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालय के एमडीएम खाते में जुलाई में 93334 रुपये भेजने का दावा किया. लेकिन इन दावों की पोल खुल गई जब विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बैंक जाकर खाता चेक किया.कॉलेज प्रबंधन के लोगों ने कार्यालय पहुंचकर कन्वर्जन कास्ट विद्यालय में न पहुंचने की शिकायत की. इस पर कर्मचारी ने कह दिया कि यहां से कन्वर्जन कास्ट की धनराशि भेजी जा चुकी है. बीएसए के पास मामला पहुंचने के बाद निस्तारण का आश्वासन दिया गया. लेकिन आज तक कन्वर्जन कास्ट की धनराशि विद्यालय के खाते में नहीं गई है.
वित्त एवं लेखा विभाग की लापरवाही
बताते हैं कि वित्त एवं लेखा विभाग की यह पहली लापरवाही नहीं है. करीब दो माह पहले बैंक पासबुक की फीडिंग में गड़बड़ी के चलते कई रसोइयों का मानदेय लटक गया था. जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य रविंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक विद्यालय के खाते में कन्वर्जन कास्ट की धनराशि नहीं आई है. बीएसए लालजी यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि यह मामला संज्ञान में इस मामले का निस्तारण कर दिया गया है. बैंक में कुछ तकनीकी कमी की वजह से धनराशि नहीं पहुंची. अब वह राशि पहुंच गई है.