इटावा: जनपद में अब एक घंटे के अंदर कोरोना की जांच हो जाएगी. जिला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए ट्रू नॉट मशीन लगने जा रही है. इस मशीन से इमरजेंसी के मरीज जिनका ऑपरेशन होना है या अन्य किसी तरह कोई स्वास्थ्य सुविधाएं देनी हैं, उनको जांच रिपोर्ट के लिए 2 से 3 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उनकी जांच रिपोर्ट 1 घंटे में मिल जाएगी.
इस मशीन से 1 दिन में 6 सैंपल टेस्ट किए जा सकेंगे, जिससे कि इमरजेंसी के मरीजों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं अभी भी जो नियमित जांच हो रही है वो सैफई यूनिवर्सिटी से ही होकर आएगी. कोरोना के बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए शासन ने अब जिले के भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में कोरोना टेस्ट कराए जाने के लिए ट्रू नॉट मशीन उपलब्ध करा दी है, जिससे अब इमरजेंसी मरीज को जांच के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
रिपोर्ट मिलने में लग रहा था समय
अभी तक जिले में सिर्फ सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही यह सुविधा उपलब्ध थी. जिला अस्पताल में कोरोना टेस्ट के सैंपल लेकर वहां भेजे जाते थे और फिर वहां से रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते थे. मरीजों को ऑपरेट करने में समस्या आ रही थी. वहीं यह मशीन अस्पताल में इस सप्ताह के भीतर लग जाएगी.
आइसोलेशन वार्ड में ही लगेगी मशीन
इस मशीन को जिला अस्पताल के पुरुष विंग के ग्राउंड फ्लोर में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में ही इंस्टॉल किया जाएगा. लोगों की कोरोना जांच आसानी से हो सकेगी और यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उनको तुरंत वहीं से आइसोलेट कर दिया जाए. यह जांच बिल्कुल नि:शुल्क रहेगी और इसकी रिपोर्ट जल्दी आने से व्यक्ति को जल्द ही इलाज मिल सकेगा. इस मशीन से कहीं न कहीं सैफई यूनिवर्सिटी में भी जांच का दवाब कम पड़ेगा. लोगों को रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
एक घंटे में आ जाती है रिपोर्ट
लैब टेक्नीशियन अमित बघेल ने बताया कि इस मशीन से जांच रिपोर्ट 1 घंटे मिल जाती है. इसमें दिन भर में 6 जांचें की जा सकेंगी. इसके लिए उन्हें और उनके साथी भूपेंद्र को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है.
इमरजेंसी मरीजों को होगा फायदा
जिला पुरुष चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएस भदौरिया ने बताया कि इस मशीन से इमरजेंसी मरीजों को काफी फायदा मिलेगा, क्योंकि उनकी जांच रिपोर्ट तुरंत ही मिल जाएगी, जिससे उन्हें आसानी से ऑपरेट किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि जो गर्भवती महिलाएं होंगी उनको जांच में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं जिनकी सर्जरी होनी है, उनको भी इससे फायदा मिलेगा.