इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि शिक्षा के बिना व्यक्ति का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षित व्यक्ति ही एक उत्कृष्ट समाज का निर्माण करता है, इसलिए सबसे ज्यादा जोर जिस क्षेत्र पर दिया जाना चाहिए, वह शिक्षा ही है. उन्होंने हिन्दी मातृभाषा के अध्ययन को सर्वाधिक जरुरी बताते हुए विदेशी भाषाओं की अनिवार्यता खत्म किए जाने की बात कही. उन्होंने कोरोना काल के दौरान सरकार के प्रयासों की आलोचना की और बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर भी चिंता जताई. बता दें कि शिवपाल सिंह यादव एक निजी स्कूल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मीडिया से बातचीत में शिवपाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जांच के नाम पर युवाओं को नौकरी से निकाला जा रहा है, जबकि उन्होंने मेहनत से परीक्षा पास कर नौकरी पाई है. शिवपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है और आम आदमी परेशानियों से जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि बिना सोचे समझे लॉकडाउन लगाया गया, जिसके परिणाम अत्यंत गंभीर हुए हैं.
'पीठ में छूरा घोंपना है पुरानी आदत'
प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह ने सपा-बसपा की जंग पर चुटकी लेते हुए कहा कि मायावती का इतिहास पीठ में छुरा घोंपने का रहा है. बीजेपी के साथ पहले भी वह 3 बार सरकार बना चुकी हैं. उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, क्योंकि उनका खुद ही अपने विधायकों पर नियंत्रण नहीं है. इसी के चलते उनके विधायक उन्हें छोड़कर गए हैं. बुआ-भतीजे के रिश्ते पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे पहले ही कभी यह रिश्ता समझ नहीं आया.