ETV Bharat / state

इटावा: युमना में हो रहा जीवों का अवैध शिकार, दुर्लभ प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा

इटावा में यमुना नदीं में लगातार जानवरों का लोग शिकार कर रहे हैं. इससे कई दुर्लभ प्रजातियों के खत्म होने का खतरा पैदा हो गया. यमुना में मिलने वाले कई जल जीव संरक्षित भी हैं. इसके बावजूद लोग जाल डालकर इन जीवों का शिकार कर रहे हैं.

poaching
जाल डालकर जल जीव पकड़के लोग.
author img

By

Published : May 25, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: सरकार लगातार दावे करती है कि नदियों में लोग अब जानवरों का शिकार नहीं कर रहे हैं. जल जीवों के संरक्षण के लिए काम किए जाने की भी बातें सामने आती रहती हैं, लेकिन धरातल पर स्थितियां इससे परे हैं. इटावा में यमुना नदी में लोग जाल लगाने से लेकर छोटे-बड़े जलजीवों का शिकार कर रहे हैं. इस कारण यमुना में पाई जाने वाली कई संरक्षित प्रजातियों के खत्म होने का खतरा है.

इटावा में सुमेर सिंह के किले के पास स्थित घाट पर शाम होते ही लोग जाल डालना शुरू कर देते हैं. वहीं इस स्थल से 100 मीटर से भी कम दूरी पर पुलिस चौकी है, लेकिन लोगों को प्रशासन का कोई भय नहीं है.

जीवजंतु विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि यमुना नदी में कई संरक्षित प्रजातियां हैं, लेकिन लगातार जो जाल डाले जा रहे हैं कहीं न कहीं ये प्रजातियां एक समय बाद खत्म हो जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि जो प्रजाति यहां है वो विश्व में भी नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नदी किनारे आ कर यह जल जीव अपने अंडे देते हैं, जिस वजह से कुछ अंडों को जंगली जानवर या कुत्ते खा जाते हैं और जो बच जाते उन्हें शिकारी खत्म कर रहे हैं. आम प्रजातियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं.

इटावा: सरकार लगातार दावे करती है कि नदियों में लोग अब जानवरों का शिकार नहीं कर रहे हैं. जल जीवों के संरक्षण के लिए काम किए जाने की भी बातें सामने आती रहती हैं, लेकिन धरातल पर स्थितियां इससे परे हैं. इटावा में यमुना नदी में लोग जाल लगाने से लेकर छोटे-बड़े जलजीवों का शिकार कर रहे हैं. इस कारण यमुना में पाई जाने वाली कई संरक्षित प्रजातियों के खत्म होने का खतरा है.

इटावा में सुमेर सिंह के किले के पास स्थित घाट पर शाम होते ही लोग जाल डालना शुरू कर देते हैं. वहीं इस स्थल से 100 मीटर से भी कम दूरी पर पुलिस चौकी है, लेकिन लोगों को प्रशासन का कोई भय नहीं है.

जीवजंतु विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि यमुना नदी में कई संरक्षित प्रजातियां हैं, लेकिन लगातार जो जाल डाले जा रहे हैं कहीं न कहीं ये प्रजातियां एक समय बाद खत्म हो जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि जो प्रजाति यहां है वो विश्व में भी नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नदी किनारे आ कर यह जल जीव अपने अंडे देते हैं, जिस वजह से कुछ अंडों को जंगली जानवर या कुत्ते खा जाते हैं और जो बच जाते उन्हें शिकारी खत्म कर रहे हैं. आम प्रजातियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.