इटावा: सरकार लगातार दावे करती है कि नदियों में लोग अब जानवरों का शिकार नहीं कर रहे हैं. जल जीवों के संरक्षण के लिए काम किए जाने की भी बातें सामने आती रहती हैं, लेकिन धरातल पर स्थितियां इससे परे हैं. इटावा में यमुना नदी में लोग जाल लगाने से लेकर छोटे-बड़े जलजीवों का शिकार कर रहे हैं. इस कारण यमुना में पाई जाने वाली कई संरक्षित प्रजातियों के खत्म होने का खतरा है.
इटावा में सुमेर सिंह के किले के पास स्थित घाट पर शाम होते ही लोग जाल डालना शुरू कर देते हैं. वहीं इस स्थल से 100 मीटर से भी कम दूरी पर पुलिस चौकी है, लेकिन लोगों को प्रशासन का कोई भय नहीं है.
जीवजंतु विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि यमुना नदी में कई संरक्षित प्रजातियां हैं, लेकिन लगातार जो जाल डाले जा रहे हैं कहीं न कहीं ये प्रजातियां एक समय बाद खत्म हो जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि जो प्रजाति यहां है वो विश्व में भी नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नदी किनारे आ कर यह जल जीव अपने अंडे देते हैं, जिस वजह से कुछ अंडों को जंगली जानवर या कुत्ते खा जाते हैं और जो बच जाते उन्हें शिकारी खत्म कर रहे हैं. आम प्रजातियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं.