ETV Bharat / state

इटावा: रक्षाबंधन पर बहनें करेंगी भाइयों की रक्षा, राखी के साथ बांधेंगी मास्क

कोरोना संक्रमणकाल के बीच इस बार रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर कोरोना रक्षा सूत्र बांधेंगी. इटावा में राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयंसेवी संस्था की महिलाएं स्वदेशी राखी बनाने के साथ स्वदेशी मास्क भी बनाकर बेच रही हैं.

etawah news
रक्षाबंधन पर बहनें भी करेंगी भाई की रक्षा.
author img

By

Published : Aug 1, 2020, 2:35 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: कोरोना काल के दौर में इस बार राखी का पर्व आ रहा है, जिस वजह से बहनों को भाई की कलाई के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी खतरा सता रहा है. लिहाजा इटावा में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने एक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत जो भी महिलाएं राखी लेने आ रही हैं, उनको मुफ्त में राखी के साथ मास्क भी उपलब्ध करा रही हैं.

रक्षाबंधन पर बहनें भी करेंगी भाई की रक्षा.

भारत चाइना विवाद के बाद नहीं आईं चीनी राखियां
इस बार भाइयों के हाथ के साथ चेहरे पर भी कोरोना से बचाव के लिए रक्षा सूत्र के रूप में मास्क हो. इसलिए महिलाओं ने ये सराहनीय पहल की शुरुआत की है. समूह की महिलाओं का कहना है कि इस बार हम राखी के साथ मास्क भी मुफ्त दे रहे हैं, ताकि इस बार बहनें राखी के साथ मास्क देकर भाइयों की दोहरी सुरक्षा करें. दरअसल, कोरोना काल और चाइना विवाद की वजह न तो चाइना की राखियों का बहिष्कार किया गया है, जिस वजह से महिलाओं की स्वदेशी राखी की अच्छी बिक्री हो रही है. वहीं समूह की महिलाओं ने संकल्प लिया है कि इस बार इटावा में भाइयों की कलाई इटावा की आजीविका मिशन की बहनों द्वारा बनाई राखी से ही सजेगी. इन राखियों की कीमत पांच रुपये से लेकर 25 रुपये तक है.

खुद रहेंगे सुरक्षित, तभी कर पाएंगे बहनों की रक्षा
राखी बेच रही स्वयं सहायता समूह की कुंती का कहना है कि इस बार कोरोना का ध्यान रखते हुए हम लोग राखी के साथ मास्क भी दे रहे हैं क्योंकि जब भाई खुद सुरक्षित रखेंगे तभी तो अपनी बहनों की रक्षा कर सकेंगे.

चीन की राखियों से अच्छी है क्वालिटी
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लता कुमारी ने बताया कि इस बार कोरोना काल में चीन की राखियां नहीं आयी हैं, जिस वजह से हमारी राखियों की अच्छी बिक्री हो रही है. उन्होंने बताया कि यह राखियां समूह की कई गांव गरीब महिला बनाती हैं, जिससे उनका रोजगार भी चलता है. हमारी राखियां और मास्क स्वदेशी हैं और क्वालिटी में भी अच्छा है.

इटावा: कोरोना काल के दौर में इस बार राखी का पर्व आ रहा है, जिस वजह से बहनों को भाई की कलाई के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी खतरा सता रहा है. लिहाजा इटावा में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने एक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत जो भी महिलाएं राखी लेने आ रही हैं, उनको मुफ्त में राखी के साथ मास्क भी उपलब्ध करा रही हैं.

रक्षाबंधन पर बहनें भी करेंगी भाई की रक्षा.

भारत चाइना विवाद के बाद नहीं आईं चीनी राखियां
इस बार भाइयों के हाथ के साथ चेहरे पर भी कोरोना से बचाव के लिए रक्षा सूत्र के रूप में मास्क हो. इसलिए महिलाओं ने ये सराहनीय पहल की शुरुआत की है. समूह की महिलाओं का कहना है कि इस बार हम राखी के साथ मास्क भी मुफ्त दे रहे हैं, ताकि इस बार बहनें राखी के साथ मास्क देकर भाइयों की दोहरी सुरक्षा करें. दरअसल, कोरोना काल और चाइना विवाद की वजह न तो चाइना की राखियों का बहिष्कार किया गया है, जिस वजह से महिलाओं की स्वदेशी राखी की अच्छी बिक्री हो रही है. वहीं समूह की महिलाओं ने संकल्प लिया है कि इस बार इटावा में भाइयों की कलाई इटावा की आजीविका मिशन की बहनों द्वारा बनाई राखी से ही सजेगी. इन राखियों की कीमत पांच रुपये से लेकर 25 रुपये तक है.

खुद रहेंगे सुरक्षित, तभी कर पाएंगे बहनों की रक्षा
राखी बेच रही स्वयं सहायता समूह की कुंती का कहना है कि इस बार कोरोना का ध्यान रखते हुए हम लोग राखी के साथ मास्क भी दे रहे हैं क्योंकि जब भाई खुद सुरक्षित रखेंगे तभी तो अपनी बहनों की रक्षा कर सकेंगे.

चीन की राखियों से अच्छी है क्वालिटी
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लता कुमारी ने बताया कि इस बार कोरोना काल में चीन की राखियां नहीं आयी हैं, जिस वजह से हमारी राखियों की अच्छी बिक्री हो रही है. उन्होंने बताया कि यह राखियां समूह की कई गांव गरीब महिला बनाती हैं, जिससे उनका रोजगार भी चलता है. हमारी राखियां और मास्क स्वदेशी हैं और क्वालिटी में भी अच्छा है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.