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मदरसा सेवा नियमावली में संशोधन पर संचालकों ने उठाए सवाल, बोले-TET पास शिक्षकों को वेतन कहां से देगी सरकार? - District Minority Welfare Officer

मदरसा सेवा नियमावली में संशोधन को लेकर इटावा के मदरसा संचालकों ने सवाल उठाए हैं. मौलाना तारिक शमसी ने कहा कि मदरसों में शिक्षा को सुधारने के लिए जो टीईटी पास शिक्षकों को सरकार भर्ती करेगी, उन्हें वेतन कहां से देगी.

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मदरसा अरबिया कुरानिया
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Published : Jul 19, 2022, 3:47 PM IST

इटावा: मदरसा सेवा नियमावली में होने जा रहे संशोधन को लेकर जनपद के मदरसा संचालकों ने शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाए है. उनका कहना है कि सरकार की मंशा मदरसों का विकास कम बल्कि मूलभूत ढांचा अरबी फारसी भाषा के विकास को डिस्टर्ब करने की ज्यादा लग रही है. क्योंकि शिक्षा के आधुनिकीकरण को लेकर पहले से ही मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं. इन विषयों को पढ़ाने के लिए जो शिक्षक रखे गए हैं, उन्हें ही सरकार वेतन नहीं दे पा रही है तो ऐसे में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास शिक्षकों को सरकार कहां से वेतन देगी. जबकि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक पास शिक्षकों की भर्ती के लिए अभी फिलहाल कोई आदेश उनके पास नहीं है.

जानकारी देते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार

मदरसा अरबिया कुरानिया के प्रिंसिपल मौलाना तारिक शमसी का कहना है कि टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती के फैसले का वह स्वागत करते हैं. इससे मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में जरूर सुधार होगा. लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से मदरसों का जो मूलभूत ढांचा अरबी और फारसी भाषा को विकसित करने का था. उस पर आने वाले समय में जरूर फर्क पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आधुनिक विषय मदरसों में पढ़ाई जाएं. लेकिन ये काम 1994 से अटल की सरकार के समय से शिक्षा के आधुनिकीकरण के रूप में होता चला आ रहा है, जिसके तहत मदरसों में हिंदी अंग्रेजी गणित विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं. लेकिन सन् 2017 से इन आधुनिक विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को बजट की कमी के चलते सरकार वेतन ही नहीं दे पा रही है तब ऐसे में मदरसों में नई भर्तियां करना और टीईटी पास शिक्षकों को वेतन कहां से देगी.

यह भी पढ़ें- इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, तीन लोगों की मौत

वहीं, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि सरकार की तरफ से वेतन न मिल पाने की वजह से कुछ परेशानी है. लेकिन जैसे ही जब कुछ वेतन आता है मदरसों में पहुंचा दिया जाता है. इटावा में इस समय 22 मदरसे हैं, जिनमे एक सरकारी अनुदान से चल रहा है. बाकी 21 मदरसे मान्यता प्राप्त है.

बता दें कि यूपी सरकार मदरसों में पढ़ाई के मयार को सुधारने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है. इसी कड़ी में अब सरकार ने मदरसा मॉडर्नाइंजेशन योजना के तहत अब मदरसों में सिर्फ TET पास टीचर्स ही पढ़ा सकेंगे.

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इटावा: मदरसा सेवा नियमावली में होने जा रहे संशोधन को लेकर जनपद के मदरसा संचालकों ने शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाए है. उनका कहना है कि सरकार की मंशा मदरसों का विकास कम बल्कि मूलभूत ढांचा अरबी फारसी भाषा के विकास को डिस्टर्ब करने की ज्यादा लग रही है. क्योंकि शिक्षा के आधुनिकीकरण को लेकर पहले से ही मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं. इन विषयों को पढ़ाने के लिए जो शिक्षक रखे गए हैं, उन्हें ही सरकार वेतन नहीं दे पा रही है तो ऐसे में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास शिक्षकों को सरकार कहां से वेतन देगी. जबकि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक पास शिक्षकों की भर्ती के लिए अभी फिलहाल कोई आदेश उनके पास नहीं है.

जानकारी देते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार

मदरसा अरबिया कुरानिया के प्रिंसिपल मौलाना तारिक शमसी का कहना है कि टीईटी पास शिक्षकों की भर्ती के फैसले का वह स्वागत करते हैं. इससे मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में जरूर सुधार होगा. लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से मदरसों का जो मूलभूत ढांचा अरबी और फारसी भाषा को विकसित करने का था. उस पर आने वाले समय में जरूर फर्क पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आधुनिक विषय मदरसों में पढ़ाई जाएं. लेकिन ये काम 1994 से अटल की सरकार के समय से शिक्षा के आधुनिकीकरण के रूप में होता चला आ रहा है, जिसके तहत मदरसों में हिंदी अंग्रेजी गणित विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं. लेकिन सन् 2017 से इन आधुनिक विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को बजट की कमी के चलते सरकार वेतन ही नहीं दे पा रही है तब ऐसे में मदरसों में नई भर्तियां करना और टीईटी पास शिक्षकों को वेतन कहां से देगी.

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वहीं, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि सरकार की तरफ से वेतन न मिल पाने की वजह से कुछ परेशानी है. लेकिन जैसे ही जब कुछ वेतन आता है मदरसों में पहुंचा दिया जाता है. इटावा में इस समय 22 मदरसे हैं, जिनमे एक सरकारी अनुदान से चल रहा है. बाकी 21 मदरसे मान्यता प्राप्त है.

बता दें कि यूपी सरकार मदरसों में पढ़ाई के मयार को सुधारने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है. इसी कड़ी में अब सरकार ने मदरसा मॉडर्नाइंजेशन योजना के तहत अब मदरसों में सिर्फ TET पास टीचर्स ही पढ़ा सकेंगे.

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