इटावा: जनपद के सफारी पार्क को 170 दिन बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. हालांकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अभी बच्चों का प्रवेश वर्जित है. 17 मार्च से कोरोना की वजह से बंद सफारी पार्क को 1 सिंतबर से सभी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. इस दौरान 10 साल से कम और 65 साल से अधिक उम्र के लोग अभी सफारी घूमने का आनंद नहीं उठा पाएंगे. इसी के साथ जो गर्भवती महिलाएं हैं, उनको भी पार्क में आने पर रोक है.
सफारी पार्क खुलने पर जहां एक तरफ लोगों में पार्क घूमने का उत्साह देखने की मिला, वहीं दूसरी ओर पार्क में बच्चों के आने पर रोक से कई पर्यटक निराश भी दिखे. कई पर्यटक बिना सफारी घूमें वापस चले गए. कई लोगों ने पार्क के बाहर बच्चों को बिठाकर सफारी की सैर की. सफारी में एक तरफ सुरक्षा के नाम पर बच्चों की नो एंट्री रही, वहीं दूसरी ओर लोग सुरक्षा को ताक पर रख बिना मास्क के सेल्फी लेने में मसगूल दिखे.
बड़ी संख्या में लोग पहुंचे सफारी घूमने
बता दें कि कोरोना काल के बीच अब सफारी खुलने के बाद लोगों में इसका उत्साह साफ देखा जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर 2 बजे तक 62 से अधिक टिकट की बिक्री हो चुकी थी. वहीं कई लोग बच्चों की नो एंट्री की वजह से सफारी नहीं घूम पाए. सफारी घूमने वालों में सिर्फ इटावा नहीं, बल्कि आस-पास के जनपद के लोग भी रहे.
पूरा परिवार गया घूमने, बच्ची की वजह से हैं बाहर
औरैया से अपने परिवार और बच्चों के साथ आई ममता तिवारी ने बताया कि हम पूरे परिवार के साथ सफारी घूमने आए थे. लेकिन बच्ची को 5 साल से कम होने की वजह से इसे जाने नहीं दिया गया. जिस वजह से परिवार के अन्य सदस्य तो सफारी घूमने चले गए, लेकिन हम इसके साथ बाहर ही बैठे रहे, क्योंकि किसी भी ट्रिप का आनंद बिना बच्चे के नहीं आता. इस वजह से हम अंदर नहीं गए. पर्यटक ममता तिवारी ने कहा कि खराब भी लग रहा है कि इतनी दूर आकर भी सफारी नहीं देख सकी.
क्या कहते हैं पार्क के डायरेक्टर
पार्क के डायरेक्टर वीके सिंह ने वन्य जीवों की सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर बताया कि जीवों की सुरक्षा और प्रबंधन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. हमने इसको ध्यान में रखते हुए ही नियम बनाए हैं. पार्क में जो भी लोग घूमने आएंगे, वह सिर्फ बस से ही सफारी की सैर कर पाएंगे. किसी को भी रास्ते में कहीं उतरने की अनुमति नहीं होगी. वहीं कर्मचारियों को भी इसको लेकर सचेत कर दिया है कि वह इन सब चीजों का ध्यान रखें.
उन्होंने बताया कि प्रत्येक ट्रिप के बाद बस को भी सैनिटाइज किया जाएगा, ताकि संक्रमण का कोई भी खतरा न हो. वीके सिंह ने बताया कि अभी पहले की भांति भालू, हिरण को लोग देख सकेंगे. वहीं 15 से 20 दिन में जब सब कुछ नॉर्मल होने लगेगा, तो लगभग 1 अक्टूबर के बाद से लोग शेर को भी देख सकेंगे.