इटावा : जिले में रोडवेज का निजीकरण किए जाने के विरोध में कर्मचारियों ने आवाज बुलंद कर दी है. सोमवार को कर्मियों ने क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय गेट पर बैठक के दौरान जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान 25 नवंबर को 11 बजे से लेकर 3 बजे तक आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील भी की गई.
इस दौरान परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी, संयुक्त संघर्ष मोर्चा इटावा क्षेत्र के कर्मचारियों ने परिवहन निगम के राष्ट्रीयकृत मार्गों को निजीकरण करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद की.
मोर्चा संयोजक कपिल दुबे ने बताया विरोध प्रदर्शन रोडवेज के निजीकरण किए जाने के विरोध में किया गया है. इस दौरान कर्मचारी नेता अशोक भदौरिया, नरसिंह यादव, विक्रम सिंह, राघवेंद्र दुबे, संजय सिंह, सर्विस पाठक, मिथिलेश, फारुक मोहम्मद आदि कर्मचारी उपस्थित रहे. साथ ही 25 नवंबर को धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई.
ये है प्रमुख मांग-:
रोडवेज कर्मियों की प्रमुख मांगों में लखनऊ-गोरखपुर मार्ग समेत राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों के संचालन पर रोक, अंतर्राज्यीय परिवहन समझौते में प्रचलित नियमों व अधिनियमों के प्राविधानों के विपरीत न जाकर इनमें निगम हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने, प्रदेश में नए बन चुके व बन रहे एक्सप्रेस-वे और हाइवे समेत 206 अन्य मार्गों के राष्ट्रीयकरण पर जल्द निर्णय करना, साथ ही इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने, डग्गामार वाहनों पर प्रभावी रोक और नियंत्रक एंजेसियों की जवाबदेही तय किए जाने और परिवहन निगम, निजी बसों की यात्री कर दरें समान किए जाने तथा कोविड के जनहित में परिवहन निगम को आर्थिक पैकेज दिए जाने की मांग शामिल हैं. इनके अलावा संविदा चालकों-परिचालकों और आउटसोर्सिंग कर्मियों, नियमित कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगों को पूरा करने की मांग की है.