इटावाः जिला प्राशासन ने जनपद से होकर गुजरने वाली नदियों में साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है. नदियों की सफाई के काम में लगे श्रमिकों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार मिल रहा है. यही नहीं लॉकडाउन में घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार मिला है. बताते चलें कि जनपद की सीमा से होकर चार छोटी नदियां गुजरती हैं. ये नदियां अह्नैया, सिरसा, पूरा और सेंगर हैं, जो बारिश के मौसम में हर वर्ष उफनाती हैं, जिससे जनपद के अनेक क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसके अलावा जिले की तमाम सड़कों पर कटान व जलभराव होने से राहगीरों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
8 हजार श्रमिकों को मनरेगा में मिलेगा रोजगार
इटावा जिले में प्रत्येक वर्ष बारिश के सीजन में नदियां उफनाती हैं, जिससे जिले भर में कई स्थानों व सड़कों पर जलभराव हो जाता है. जिला प्रशासन ने इस मुसीबत से निपटने के लिए नदियों की साफ-सफाई का कार्य शुरू करा दिया है. इसमें काम करने वाले श्रमिकों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार भी मिल रहा है. इस योजना की जानकारी देने के लिए सीडीओ राजा गणपति आर ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
उन्होंने बताया कि नदियों की सफाई का काम तेजी से किया जा रहा है. नदियों में साफ-सफाई के साथ डकवेल भी बनाए जा रहे हैं. नदियों की सफाई होने से लोगों को तमाम परेशानियों से निजात मिलेगी. इसके अलावा बाहर से आने वाले लगभग 8,500 प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार मिलेगा.
नदियों में बनाए जा रहे हैं डकवेल
जिला प्रशासन ने जनपद की नदियों की दशा सुधारने की दिशा में काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत नदियों में साफ-सफाई के साथ हर 200 मीटर की दूरी पर डकवेल बनाए जा रहे हैं. जनपद की चार नदियों में साफ-सफाई का कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा गया है. ग्राम पंचायतें अपनी सीमा के अंतर्गत आने वाली नदियों की साफ-सफाई करवा रही हैं, जिससे नदियों की दशा सुधर रही है. साथ ही मनरेगा के तहत काम करने वाले तमाम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
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