इटावा: सीडीओ राजा गणपति आर ने जिले के 5,500 सरकारी शिक्षकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. यह जांच मेडिकल लीव, कैजुअल लीव और उपस्थिति पंजिका में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही है. वहीं जांच से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि शिक्षक संगठनों ने जांच का स्वागत किया है और अपील की है कि जांच में किसी निर्दोष शिक्षक का उत्पीड़न न किया जाए.
क्यों की जा रही शिक्षकों के खिलाफ जांच
- इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े 5,500 सरकारी शिक्षकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.
- यह जांच शिक्षकों के मेडिकल लीव, कैजुअल लीव और उपस्थिति पंजिका में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही है.
- सीडीओ ने बताया कि यह लीव शिक्षकों की सर्विस बुक में दर्ज नहीं है, जो नियमानुसार गलत है.
- वहीं सीडीओ की इस जांच से शिक्षकों में हड़ंकप मचा हुआ है.
- हालांकि जिले के शिक्षक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जांच बेहद ईमानदारी ढंग से होनी चाहिए.
- जांच के दौरान किसी भी शिक्षक का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए.
पूर्व में मैने नगर क्षेत्र के एक दो स्कूलों में शिक्षकों की विभिन्न तरह की लीव, सर्विस बुक और उपस्थिति पंजिका की जांच की थी, जिसमें काफी भ्रष्टाचार पाया था. इसी के आधार पर मैने जिले के सभी 5,500 शिक्षकों की जांच करने का निर्णय लिया है. जांच में दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
-राजा गणपति आर, मुख्य विकास अधिकारी
यह जांच बेहद ईमानदारी ढंग से होनी चाहिए. जांच के नाम पर किसी भी शिक्षक का शोषण नहीं होना चाहिए. जो लोग गलत कर रहे हैं और मुख्य विकास अधिकारी ने अपनी जांच में गड़बड़ी पाई है तो उन शिक्षकों के खिलाफ जांच होनी चाहिए.-एहसान अहमद, महामंत्री, बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षक संघ