इटावा : 15 नवंबर की शाम नई दिल्ली दरभंगा एक्सप्रेस और 16 नवंबर को तड़के वैशाली एक्सप्रेस के कोचों में लगी आग की जांच तेज हो गई है. जहां पांच दिनों तक दोनों घटनाओं को हादसे की नजर से देखा जा रहा था तो वहीं मंगलवार को ट्रेन में किसी विस्फोटक सामग्री से आग लगने की आशंका के मद्देनजर आगरा से छह सदस्यीय बम निरोधक दस्ता इटावा जंक्शन पहुंचा. टीम ने तीन घंटे तक दोनों घटनास्थल पर रेलवे ट्रैक के साथ जंक्शन पर खड़ी जली चारों बोगियों की बारीकी से जांच की.
दरभंगा और वैशाली एक्सप्रेस में लगी थी आग
बीते बुधवार की शाम करीब पांच बजे नई दिल्ली से दरभंगा जा रही दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी. जिसमें ट्रेन के एस-1, एस-2 और एसएलआर कोच जलकर राख हो गए थे. घटना के 10 घंटे बाद 16 नवंबर की तड़के सवा दो बजे के आसपास नई दिल्ली से सहरसा बिहार जा रही वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में शौचालय के पास धमाका होने से फैलने के साथ आग लग गई थी. दोनों ट्रेनों में आगजनी की घटना को लेकर रेलवे को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया. जिसके बाद मंगलवार को ट्रेन में किसी विस्फोटक सामग्री से आग लगने या लगाने की आशंका जताते हुए आगरा ताजमहल की सुरक्षा वाले छह सदस्यीय बम निरोधक दस्ते को बुलवाया गया.
बम निरोधक दस्ते ने की बोगियों की जांच
बम निरोधक दस्ता प्रभारी उपनिरीक्षक शंकर लाल के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अजय सिंह, कांस्टेबल पवन कुमार, प्रेम सिंह बघेल एवं डाग हेंडलर राम खिलाड़ी और कांस्टेबल प्रवीन कुमार ने दरभंगा एक्सप्रेस में आग लगने के घटनास्थल सराय भूपत एवं वैशाली में लगी आग के घटनास्थल पश्चिमी आउटर मैनपुरी क्रासिंग के साथ इटावा जंक्शन पर खड़ी जली चारों बोगियों की अत्याधुनिक बम डिटेक्टर एवं एक्सक्लूसिव मशीनों से जांच की. दस्ते में डाग हेंडलर रामखिलाड़ी ने फीमेल डाग शिप्पी की मदद से तीनों स्थानों पर ट्रैक के साथ बोगियों की जांच की. हालांकि दस्ते को कुछ खास हाथ नहीं लगा.