इटावा : दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर बुधवार को छह घंटे के अंतराल में नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस और वैशाली एक्सप्रेस में आग लग गई थी. आग किन वजहों से लगी अभी ये पता नहीं चल पाया है. गुरुवार को आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य संरक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रयागराज मंडल की चार सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची. टीम ने बोगियों में जाकर विधिवत जांच-पड़ताल की. हालांकि अभी टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.
स्टेशन अधीक्षक और कर्मचारियों से जुटाई जानकारी : टीम ने सबसे पहले सराय भूपत स्टेशन, इटावा रेलवे स्टेशन अधीक्षक और स्टेशन मास्टर से बातचीत की. अन्य विभागों के कर्मचारियों से भी जानकारी जुटाई. उनके बयान दर्ज किए. आग से जली दोनों ट्रेनों की बोगियों का बारीकी से निरीक्षण भी किया. जली बोगियों को लूप लाइन पर सात नंबर पर खड़ा किया गया है. टीम ने सराय भूपत और मैनपुरी फाटक आउटर साइड पर पहुंचकर भी निरीक्षण किया. हादसे में हताहत यात्रियों का हाल-चाल लेने के लिए जिला अस्पताल और सैफई मेडिकल कालेज भी पहुंचे जहां यात्रियों से जानकारी जुटाई.
शॉर्ट सर्किट या फिर टेक्निकल फाल्ट की आशंका : मुख्य संरक्षा अधिकारी नरेन्द्र सिंह के साथ आरपीएफ के डीआइजी एम सुरेश, सीआरएसई कोचिंग सूरज कुमार, सीईएसई एसके बंसल मौजूद रहे. मुख्य संरक्षा अधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि टीम द्वारा साइड का मौका मुआयना किया गया और यात्रियों से आग के कारणों की जानकारी जुटाई गई है. कोचों की लोकल फील्ड यूनिट टीम से सैंपलिंग कराकर उन्हें सीज कराया गया है. फिलहाल आग कैसी लगी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. उन्होंने घटना में साजिश होने की आशंका से साफ तौर पर इन्कार किया. बिजली शॉर्ट सर्किट या फिर टेक्निकल फाल्ट से आग लगने की आशंका जताई है. इधर लखनऊ से आए डिप्टी रेल सुरक्षा आयोग एएन सिद्दीकी ने भी आग से जली दोनों बोगियों का निरीक्षण किया.
एस्कार्ट और पिकेट जवानों की आइजी ने की सराहना : दरभंगा एक्सप्रेस और वैशाली एक्सप्रेस के कोच में आग लगने की जानकारी के बाद आइजी रेलवे सत्येन्द्र कुमार सिंह, एसपी रेलवे आगरा आदित्य लांग्हे ने पहुंचकर दोनों घटना स्थलों का निरीक्षण किया. घायल हुए यात्रियों का हाल-चाल लेने के लिए जिला अस्पताल और सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी भी गए, आइजी ने वैशाली एक्सप्रेस में लगी आग को समय रहते ट्रेन में चल रहे जीआरपी एस्कार्ट कर्मी बृजेन्द्र व उनके साथी समेत मैनपुरी क्रासिंग आउटर पर ड्यूटी पर लगे जीआरपी पिकेट जवानों कैलाश और राजमोहन की सतर्कता, सूझबूझ और बहादुरी की सराहना की.
सिपाहियों को मिलेगा सम्मान : आइजी रेलवे ने कहा कि इन चारों जीआरपी सिपाहियों द्वारा सबसे पहले देखा गया था कि ट्रेन में आग लगी है. जिस पर रात करीब ढाई बजे तत्काल ट्रेन को रोककर लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया. आसपास के लोगों से मदद लेकर फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले आग पर काबू पा लिया गया. आइजी सत्येन्द्र कुमार सिंह ने वैशाली की घटना को लेकर कहा कि प्रथम दृष्टया यांत्रिक गड़बड़ी ही आग लगने का कारण है. यदि किसी तरह का विस्फोट या सिलिंडर आदि से आग लगती तो उसमें विस्फोटक सामग्री की गंध होती लेकिन ऐसा जांच में नहीं मिला है. एसपी रेलवे आदित्य लांग्हे ने बताया कि आइजी द्वारा चारों जवानों को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए कहा गया है. यात्रियों से पूछताछ में पता चला है कि प्रथम दृष्टया वैशाली एक्सप्रेस के शौचालय के नीचे से धुआं निकला था और वहीं से आग लगी है. फील्ड यूनिट द्वारा सैंपल लिए जाएंगे और उसे एफएसएल में जांच के लिए भेजे जाएंगे उसके बाद जो भी रिपोर्ट में आएगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
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