इटावा: जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण और कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी के तहत राष्ट्रीय आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मनरेगा के कार्यों की देखरेख करने के लिए मेट बनाया जा रहा है. इससे महिलाएं भी काफी खुश नजर आ रही हैं.
मनरेगा कर रही संजीवनी का कार्य
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त ब्रजमोहन ने बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से जो गंभीर आर्थिक स्थिति उत्पन्न हुई है, उनमें सुधार लाने को मनरेगा योजना संजीवनी का कार्य कर रही है.
50 फीसदी महिलाओं का चयन
इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने बताया मनरेगा ऑपरेशनल गाइडलाइंस 2013 के अनुसार प्रत्येक 50 श्रमिक पर एक मेट का चयन किया जाना प्रस्तावित है. इसमें कम से कम 50 फीसदी महिलाओं का चयन किया जाता है. इसमें समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी है.
मनरेगा कार्य के लिए बनाई गई मेट
इटावा के बसरेहर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अभिनयपुर, पाठकपुर की अंजलि भी मनरेगा के कार्य के लिए मेट बनाई गई हैं. मेट बनने के बाद अंजलि भी मानती हैं कि उनके घर की स्थिति बदलेगी और उसके साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा. इटावा में 471 ग्राम पंचायतों में अंजलि जैसी महिलाओं को मेट बनने का मौका मिलने से महिलाएं काफी खुश नजर आ रही हैं.