एटाः जिले में भू-माफिया ने थाना शकरौली क्षेत्र एक भारतीय नौसेना के सैनिक की कृषि जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. कई बार जिला प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. प्रशासन ने उसकी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया. कार्रवाई न होने पर पीड़ित सैनिक मजबूर होकर परिवार सहित जिले के कलेक्ट्रेट पर बने धरना स्थल पर धरने पर बैठ गया. पीड़ित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रो-रोकर न्याय की गुहार लगाई है.
सैनिक के गांव में न रह पाने की वजह से हुआ कब्जा
जवान कोरोना काल और लॉकडाउन के चलते अपने गांव नहीं आ पाया था. इसी का फायदा उठाते हुए दबंगों ने सैनिक की 3 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. इसके चलते पीड़ित सैनिक ने जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हार कर पीड़ित सैनिक कलेक्ट्रेट बने धरना स्थल पर परिवार सहित धरने पर बैठ गया.
एसडीएम और कानूनगो पर लगाये गंभीर आरोप
अपनी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को लेकर धरने पर बैठे नेवी के सैनिक पुरुषोत्तम ने एसडीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम शुखलाल वर्मा दबंगो से मिले हुए हैं. वह दबंगो के इसारे पर कार्य कर रहे हैं. वहीं कानूनगो पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमसे रुपयों की मांग की थी. जिसमें हमने उन्हें 10 हजार रुपये दे भी दिए थे. बाबजूद इसके मुझे जमीन वापस नहीं दिलाई और हमारे रुपये भी वापस नहीं किए.
चौरी-चौरा महोत्सव के दिन की गई सैनिक की अनदेखी
एक तरफ जहां 4 फरवरी को पूरा देश चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव मना रहा था. वहीं जिले के कलेक्ट्रेट पर सैनिक पुरुषोत्तम अपनी जमीन की लड़ाई के लिए परिवार सहित धरने पर बैठा हुआ है. बावजूद इसके 4 फरवरी के दिन किसी भी अधिकारी और नेता ने सैनिक से मिलने की जहमत तक नहीं की. महोत्सव में शिरकत करते हुए निकल लिए.
एटा जिलाधिकारी सुखलाल भारती ने बताया कि जलेसर सीओ और एसडीएम के नेतृत्त्व में राजस्व टीम बनाकर जांचकर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. साथ ही मामले का जल्द निस्तारण कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
एसडीएम सुखलाल वर्मा ने बताया कि हमने कानूनगो के नेतृत्व में टीम बनाकर भेजा था. जिस जमीन की सैनिक पुरुषोत्तम बात कर रहे हैं. उस जमीन का बैनामा सैनिक की पत्नी ने अपने चाचा ससुर से अपने नाम कराया था. उस जमीन पर पहले से ही मकान बना हुआ है. अब उस मकान को तो हम नहीं तुड़वा सकते हैं. मामला कोर्ट का है सैनिक कोर्ट में जाकर ही कुछ कर सकते हैं. साथ ही सैनिक के आरोपों को खारिज करते हुए निराधार बताया है.