एटा: जिले के सैनिक पड़ाव में राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी 2020 आयोजन चल रहा है, जहां आयोजन के छठे दिन प्लास्टिक मुक्त प्रदर्शनी का दावा फेल नजर आया है. दरअसल, प्रदर्शनी शुरू होने से पहले जिला प्रशासन ने यह दावा किया था कि पूरी प्रदर्शनी में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और यह प्रदर्शनी प्लास्टिक मुक्त होगी, लेकिन गुरुवार को प्रदर्शनी के मुख्य पंडाल में आयुष्मान भारत सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल दे दी गई.
वहीं कार्यक्रम में भाजपा से राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव भी मौजूद थे. हद तो तब हो गई, जब जिले के सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल ने प्लास्टिक की बोतल के इस्तेमाल को सही ठहराया और कहा यह बोतल बंद नहीं हुई है. इस तरह की प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकता है और संसद में भी इसका इस्तेमाल होता है.
प्लास्टिक मुक्त भारत की बात सिर्फ बात ही तक सीमित दिखाई दे रही है और आए दिन सरकारी कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतलों का जमकर इस्तेमाल होता है. कुल मिलाकर जागरूकता फैलाने वाले जिम्मेदार ही कम जागरूक दिखाई पड़ते हैं. जिले में आयोजित एटा महोत्सव में भी जिला प्रशासन द्वारा प्लास्टिक मुक्त होने की बात कही गई थी, लेकिन यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतलों का जमकर इस्तमाल हुआ. हालांकि यह बोतलें कहीं पर भी बैन नहीं है लेकिन विभिन्न मंचों से प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक की बात की जाती है.
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आयुष्मान योजना में अभी काफी कुछ करने को बाकी बचा है और भारत के प्रधानमंत्री ने जिस निष्ठा के साथ गरीबों के लिए यह योजना लागू की है. वह दुनिया के इतिहास में अनुपम योजना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार पार्लियामेंट पहुंचे, उस दौरान सीढ़ियों पर पैर रखने के बजाय माथा टेक कर कहा था कि मेरी यह सरकार गरीबों के लिए समर्पित है.
हरनाथ सिंह यादव (राज्यसभा सांसद, बीजेपी)