एटा: जिले में मासूम के साथ दुष्कर्म मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विपिन कुमार तृतीय ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. ये फैसला बहुत कम समय में सुनाया गया, जिससे तेज जस्टिस की सरकार की परिकल्पना भी मजबूत हुई है. इस मामले से न्यायिक प्रक्रिया पर आम आदमी का भरोसा और भी मजबूत होगा.
डेढ़ वर्ष की मासूम से दरिंदगी के मामले में अदालत ने सारे गवाहों और सबूतों का अध्ययन करने के पश्चात अभियुक्त संजू ऊर्फ संजय को 5 महीने में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषी पर कोर्ट ने 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
मारहरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 8 नवंबर 2022 को डेढ़ साल की बच्ची जब पड़ोस में घर के बाहर खेल रही थी, तभी गांव के ही युवक संजू ऊर्फ संजय ने उसके साथ दरिंदगी की थी. इस घटना में मासूम का प्राइवेट पार्ट बहुत ज्यादा इंजर्ड हुआ था. इस मामले में मासूम के परिजनों ने थाना मारहरा में आईपीसी की धारा 376 एबी, 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत संजू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
इस मामले के सरकारी वकील प्रभात चौहान ने बताया कि यह केस दरिंदों के लिए एक नजीर है. स्पीडी जस्टिस का उदाहरण है. इससे उनको सबक मिलेगा. इस केस की विवेचना उनकी गाइड लाइन के अनुसार हुई थी. पुलिस का भी सहयोग रहा. हमेशा हर सुनवाई पर गवाह प्रस्तुत हुए. विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट जल्द आई. इसीलिए इतने कम समय में सजा संभव हुई. उन्होंने कहा कि रेप के जो आरोपी अदालतों से छूट जाते हैं, उनकी विवेचना त्रुटि पूर्ण होती है. इसीलिए कानूनी दांव पेंच का फायदा उठाकर आरोपी बरी हो जाते हैं.
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