एटा: प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित चलाई जा रही योजनाओं की जमीनी हकीकत को जानने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के जल विद्युत निगम की प्रबंध निदेशक व जिले की नोडल अधिकारी अपर्णा यू पहुंची. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की.
नोडल अधिकारी ने की समीक्षा बैठक
नोडल अधिकारी अपर्णा यू ने कहा कि महिलाओं के लिए जितने भी प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. चाहे वह समाज कल्याण के हों, शिक्षा से जुड़े हों, स्वास्थ्य से जुड़े हों, राजस्व से हों या फिर पुलिस विभाग में हों, उनमें काफी कुछ अभी कागजों में ही सिमट कर रह गया है. महिलाओं से संबंधित योजनाओं को ठीक से लागू करने की जरूरत है, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका मकसद है कि महिलाओं में भेदभाव की भावना खत्म हो. सामाजिक व आर्थिक तौर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़े.
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नहीं दिख रहा योजनाओं का असर
नोडल अधिकारी अपर्णा यू के मुताबिक महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं. उनका बेहतर असर होता नहीं दिख रहा है. उन्होंने बताया कि आशा हो या आंगनबाड़ी कार्यकत्री सभी महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के साथ ही आयरन की टेबलेट भी देती हैं, लेकिन उसके बाद भी एनीमिया कम नहीं हुआ है. इतना ही नहीं संस्थागत प्रसव की संख्या काफी कम है. क्षेत्र में अभी बहुत काम करने की जरूरत है.
विभागों में आपसी सामंजस्य की जरूरत
अपर्णा यू ने कहा कि महिलाओं से संबंधित योजनाओं को अगर सही से लागू करना है तो उसके लिए विभागों को आपसी सामंजस्य से काम करना पड़ेगा. यहां पर सभी विभाग अलग-अलग काम कर रहे हैं, लेकिन सभी विभागों का मकसद एक है. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की बात करें तो पुलिस और राजस्व विभाग को एक साथ मिलकर काम करना पड़ेगा. स्वास्थ्य की बात करें तो आंगनबाड़ी और आशा को साथ मिलकर काम करना पड़ेगा. इसके साथ ही शिक्षा विभाग को भी इनके साथ मिलकर काम करना पड़ेगा.